केन्द्रीय न्यूज डेस्क खबर सुप्रभात सामाचार सेवा
नवादा पीयूसीएल के राष्ट्रीय पार्षद दिनेश कुमार अकेला ने खबर सुप्रभात की गिरफ्तारी अभिव्यक्ति और विरोध के संवैधानिक अधिकार का खुलेआम हनन एवं कत्ल से कम नहीं है, जो बेहद निंदनीय और असहनीय है.
खबर सुप्रभात के सोशल मीडिया के प्रधान संपादक सह निर्देशक, निष्पक्ष निर्भीक मुखर आवाज के एक सबल प्रहरी,लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के सजग पहरेदार आलोक कुमार की गिरफ्तारी सरकार व शासन- प्रशासन की ओर से गहरी सुनियोजित साजिश के बतौर पूर्ण प्रायोजित है. यह निर्विवाद लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पर कठोर गिरती ब्रज पात से तनिक भी कम नहीं है. यह स्वतंत्र अभिव्यक्ति और विरोध के संविधान प्रदत्त अधिकारों पर एक बहुत बड़ा सुनियोजित साजिश के साथ प्रायोजित हमला नहीं तो और क्या है ? मानवता एवं संविधान के नाम पर एक अमिट कलंकित बदनुमा दाग है. दरअसल खबर सुप्रभात के संपादक आलोक कुमार के किसी भी सम्वेदनशील मुद्दों या घटित घटनाओं पर स्टीक टिप्पणी के साथ सच को उजागर करने के माहिर खिलाड़ी बेशुमार मशहूर है. उन्हें नाहक-नापाक फंसाकर मुँह और कलम पर अलीगढ़ वाली ताला मढ़ने की जीता जागता प्रमाण है. लोकतंत्र की गला घोटकर निर्मम दिनदहाड़े हत्या नहीं तो और क्या है ? क्या यही मानवता व बंधुत्व है? पीयूसीएल के राष्ट्रीय पार्षद दिनेश कुमार akela ने आलोक कुमार की योजनाबद्ध गिरफ्तारी जैसे घोर संवैधानिक घटिया से घटिया कुकृत्य की जितनी भी निंदा की जाए,बहुत कम होगा. लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर जितने भी हमले और दमन होगा,विरोध और प्रतिरोध उतने ही तेजी से दावानल का रूप धारण करने में जरा सा भी कोताही नहीं बरतने का प्रश्न ही नहीं है. पीयूसीएल के राष्ट्रीय पार्षद दिनेश कुमार akela ने जिला प्रशासन और बिहार सरकार से मांग किया है कि सच्चे समाज सेवी और एक साहसी प्रखर,निष्पक्ष और सच को उजागर करने में दृढ़ता और मुस्तैद के साथ अग्रणी कतार में खड़े होने वाले निर्भीक पत्रकार पर लादे गए सभी फर्जी मुकदमें को अविलम्ब वापस लिया जाय. अन्यथा न्याय के लिए विवश होकर न्यायालय के साथ ही राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की चौखट खटखटाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. यह लोकतंत्र की हत्या ही नहीं , बल्कि संविधान पर निरंकुश क्रूर कुठाराघात है. मानवाधिकार पर जहां भी अमानवीय हमले होंगे,वहॉं पीयूसीएल चुप्पी साधे बैठा कतई नहीं रहेगा, बल्कि शेर की तरह गरज़ व दहाड़ पड़ेगा. फिर नींद और चैन दोनों हराम हो जा सकता है।