पत्रकार को नक्सली मानकर पुलिस नें किया गिरफ्तार

औरंगाबाद खबर सुप्रभात सामाचार सेवा


बुधवार के भोर में 03:00 बजे के करीव खबर सुप्रभात के प्रधान संपादक सह निदेशक आलोक कुमार को उनके पैतृक आवास औरंगाबाद जिले के अम्बा थाना क्षेत्र के ग्राम परता से बाँके बाजार थाना ( गया जी ) की पुलिस गिरफ्तार कर लेती है। घर में लगे सीसीटीवी कैमरा का डीवीआर एवं बल्व

बाँके बाजार ( गया जी ) थाना के बंदी गृह में बंद पत्रकार आलोक कुमार

भी निकालकर बांकेबाजार थाना के हाजत में बंद कर देती है। पत्रकार आलोक कुमार नें बताया कि मेरी गिरफ्तारी में बाँके बाजार पुलिस के साथ एस एस वी की पुलिस साथ थी । बाँके बाजार थाना का हाजत काफी गंदगी से भरा पड़ा था । अजीव तरह की बदबू आ रही थी । 24 घंटा से भी अधिक समय तक इसी बंदी गृह में रखा गया। खानें में दोपहर में सुखी हुई चार लिट्टी, चोखा एवं प्याज दिया गया । रात्री में भात एवं पतला सा मछली का झोर एवं प्याज दिया गया। क्या सरकार आम बंदी को भी ऐसे ही रखती है न ।
आलोक कुमार नें आगे बताया कि पुलिस नें प्रेस कन्फ्रेंस कर मुझे फरार नक्सली बताया जवकि मैं पेशे से पत्रकार हूँ। रोज S.P., D. M., मंत्री, नेता का प्रेस वार्ता में शामिल होता हूँ, और खबर बनाकर अपनें चैनल के माध्यम से प्रसारित करता रहता हूँ। जिसका कई विडियो फुटेज मेरे पास मौजुद है। मैं एक जिम्मेवार चैनल का कर्तब्यनिष्ठ पत्रकार हूँ। राष्ट्र प्रेम की भावना मेरे रोम – रोम में भरी पड़ी है। ऐसे में एस एस वी द्वारा मुझे फरार नक्सली कहकर झुठे केस में गिरफ्तार कर फँसाया जाना प्रेस की आबाज दबाने का काम है। मेरे उपर बाँके बाजार थाना क्षेत्र एवं देव क्षेत्र में नक्सली कांड़ो में वर्ष 2000 के 7 फरवरी को शामिल होकर सड़क निर्माण कम्पनी के बेस कैंप पर हमला करने, मशीन जलानें एवं मुंशी का अपहरण करनें का आरोप पुलिस द्वारा लगाया जाना बेबुनियाद एवं मनगढंत है। मेरी प्रतिष्ठा को धुमिल करनें का षड़यंत्र रचा गया है। मुझे भारतीय संविधान एवं न्यायालय पर पूर्ण भरोसा है। दुध का दूध, एवं पानी का पानी फैसला हो कर रहेगा। सत्य को परेशान भले ही किया जा सकता है, उसे मिटाया नहीं जा सकता है। एक निष्ठावान पत्रकार की आबाज कभी भी दवायी नहीं जा सकती ।