अम्बुज कुमार खबर सुप्रभात समाचार सेवा
मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी श्री लाल बिहारी पासवान की अध्यक्षता में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के प्रकोष्ठ में सभी थाना प्रभारियों के साथ बैठक किया गया। इस बैठक में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव, सचिव, तान्या पटेल और अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी श्री संदीप सिंह भी उपस्थित रहे । मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी द्वारा मध्यस्थता विशेष अभियान-’’मध्यस्थता राष्ट्र के लिए” विषय पर चर्चा करते हुए कहा गया कि मध्यस्थता विवादों को निपटाने की सरल एवं निष्पक्ष तथा आधुनिक प्रक्रिया है जिसके द्वारा मध्यस्थ अधिकारी दबावरहित वातावरण में विभिन्न पक्षों के विवादों का निबटारा करते हैं। दोनों पक्ष अपनी इच्छा से सद्भावनापूर्ण वातावरण में विवाद का समाधान निकालते हैं तथा उसे स्वेच्छा से दोनों पक्ष को सभी दृष्टिकोण से नापते हैं और वह समझौता जो सभी पक्षों को मान्य होता है, उसे अपनाते हैं। इस पद्धति द्वारा विवादों का जल्द से जल्द निपटारा होता है जो खर्चरहित है। जिसके लिए व्यवहार न्यायालय, औरंगाबाद एवं अनुमण्डलीय व्यवहार न्यायालय, दाउदनगर में लम्बित मामलों को मध्यस्थता के माध्यम से निस्तारण हेतु 90 दिनों का यह विशेष अभियान है| जिसकी सफलता सुनिशिच्त करने हेतु आप सभी की भागीदारी एवं सहयोग आवश्यक है। उन्होंने बताया कि यह अभियान 1 जुलाई से प्रारम्भ हुआ है और लगातार 30 सितम्बर तक चलेगा। इस मध्यस्थता के द्वारा विवाद का अविलम्ब व शीघ्र समाधान, समय तथा खर्चे की किफायत, न्यायालयों में चक्कर लगाने से राहत, अत्याधिक सरल व सुविधाजनक, विवाद का हमेशा के लिए प्रभावी एवं सर्वमान्य समाधान, समाधान में पक्षों की सहमति को महत्व, अनौपचारिक, निजी तथा पूर्णतः गोपनीय प्रक्रिया, सामाजिक सद्भाव कायम करने में सहायक है। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव, तान्या पटेल ने भी सभी थानाध्यक्षों से कहा कि इसके तहत वैवाहिक विवाद मामलें, दुर्घटना दावा मामलें, घरेलू हिंसा मामलें, चेक बाउंस मामलें, वाणिज्यिक विवाद मामलें, सेवा मामलें, आपराधिक समझौता योग्य मामलें, उपभोक्ता विवाद मामलें, ऋण वसूली मामलें, विभाजन मामलें, बेदखली मामलें, भूमि अधिग्रहण मामलें, अन्य उपयुक्त सिविल मामलें को निस्तारण कराया जायेगा जो माननीय सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देश के आलोक में कराया जा रहा है।
इस बैठक में आगामी 13 सितम्बर को अयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत के सफलता हेतु थानाध्यक्षो के द्वारा उनके स्तर से मामलों के चिंहित कर अपने अपने थाना क्षेत्र में लोक अदालत के सम्बंध में जागरूक कर अधिक से अधिक मामलों के निष्पादन करवाने हेतु प्रेरित किया गया। बैठक में अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी श्री संदीप सिंह ने थानाध्यक्षो को कहा कि प्राधिकार ने विभिन्न न्यायालयों में लंबित सुलहनीय वादों की सूची थानावार तैयार कर भेजी गयी है जिसमे आपकी भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। उक्त मामलो में पक्षकारों से सम्पर्क स्थापित कर और अपने अपने क्षेत्र के गणमान्य व्यक्तियों, जन प्रतिनधियों के माध्यम से उन्हें प्रोत्साहित करें कि उक्त मामलों को खत्म कर भाई चारे प्रेम के वातावरण और विवाद मुक्त समाज बनाने में प्रशासन का सहयोग करें। सचिव ने थानाध्य्क्षों को निर्देशित किया की अगर किसी मानले में पक्षकारों के काउंसलिंग में आवश्यकता पड़े तो वे पक्षकारों को जिला विधिक सेवा प्राधिकार अथवा संबंधित न्यायालय में भेजें, साथ ही आप अपने थाना स्तर पर ध्यान दें कि लोक अदालत के सम्बंध में निर्गत नोटिस को पक्षकारों तक निश्चित रूप से पहुँच जाये और ध्यान रखे कि नोटिस की तामिला कराते वक्त पक्षकारों के तमिला पर नाम और संपर्क संख्या अवश्य अंकित करा लें, ताकि संबंधित न्यायालय और जिला विधिक सेवा प्राधिकार अपने स्तर से भी पक्षकारों को राष्ट्रीय लोक अदालत में उनके वादों को निस्तारण कराने में प्रयास करे।
उन्होने ने यह भी निर्देश दिया गया कि अगर आपको जानकारी प्राप्त हो कि सूचक आपके थाना क्षेत्र से बाहर निवास कर रहा है तो आप उसे अपने माध्यम से सम्बंधित थाने से सम्पर्क स्थापित कर वहाँ सूचक को सूचित करें एवं इसकी सूचना प्राधिकार अथवा न्यायालय को प्रेषित करना सुनिश्चित करेंगे। इसके साथ साथ आप सभी अपने इलाके के जनप्रतिनिधियों को बुलाकर लोक अदालत के संबंध में उन्हें जागरूक करें ताकि वह अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर अन्य लोगों को भी लोक अदालत के लिए जागरूक कर अपने गांव मुहल्ले को विवाद मुक्त बनाये।