अम्बा ( औरंगाबाद ) खबर सुप्रभात समाचार सेवा
औरंगाबाद जिले के पुलिस कप्तान चाहे जो भी गुड पुलिसिंग और औरंगाबाद पुलिस सदैव आपकी सेवा में रहने का प्रचार प्रसार कर रही हो लेकिन अम्बा थाना के करतूतों ने पुलिस कप्तान के दावे और प्रयास पर पुरी तरह पानी अनैतिक रूप से धनोपार्जन के लालच में फेर कर रख दिया है। यह खबर पढ़ने से कुछ अटपटा सा जरुर लगेगा लेकिन सच्चाई यही

है। बताते चलें कि अम्बा थाना क्षेत्र के परता निवासी व सामाजिक कार्यकर्ता संपादक खबर सुप्रभात के संपादक सह निदेशक आलोक कुमार एवं उनके पुत्र अम्बुज कुमार पर ग्राम पंचायत परता के मुखिया श्याम बिहारी राय उर्फ श्याम बिहारी पासवान 14 दिसम्बर 2023को जानलेवा हमला अपने घर के पास किया था। हमला के बाद आलोक कुमार ने स्थानीय थाना अम्बा में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक स्वप्ना गौतम मेश्राम के हस्तक्षेप से प्राथमिकी संख्या 268/23 दर्ज कराया गया था। तत्कालीन पुलिस अधीक्षक को हस्ताक्षेप इस लिए करना पड़ा था कि उस वक्त के थानाध्यक्ष मुखिया के प्रभाव में आकर प्राथमिकी दर्ज करना नहीं चाह रहे थे।जब प्रयास के बाद प्राथमिकी दर्ज कराई गई तो थानाध्यक्ष के साथ षड्यंत्र कर एक मुकदमा मुखिया द्वारा अम्बा थाना कांड संख्या 269/2023 कुछ ही घंटे बाद दर्ज कर लिया गया। और फिर थाना में ही शुरू हुआ टेबल वर्क अनुसंधान। थाना में बैठे पुलिस द्वारा मेरे घर पर गिरफ्तारी के लिए ताबड तोड़ छापेमारी की जा रही थी लेकिन मैं गिरफ्तारी के भय से फरार चल रहा था। थाना में बैठे बैठे सीआरपीसी 41अथवा बीएनएस के धारा 35(3)का रश्म अदायगी भी कर लिया गया। चौंकाने वाली बात यह है कि अम्बा पुलिस अनुज पाण्डेय पिता बैजनाथ पाण्डेय ग्राम+पोस्ट -परता नाम के एक गवाह भी इंतजाम कर लिया। जबकि मेरा दावा है कि परता गांव में अनुज पाण्डेय पिता बैजनाथ पाण्डेय नाम का कोई भी व्यक्ति परता गांव में नहीं है। बताते चलें कि नवम्बर 2023में ही मुखिया श्याम बिहारी राय उर्फ श्याम बिहारी पासवान द्वारा एक फर्जी मुकदमा एससी-एसटी थाना में दर्ज कराया था लेकिन जब पुलिस मुकदमा का वैज्ञानिक जांच किया तो मुकदमा के सूचक श्याम बिहारी राय उर्फ श्याम बिहारी पासवान और सभी आरोपितों का मोबाइल के टावर लौकेशन के घटना स्थल पर नहीं पाया गया तथा एक मुकदमा फर्जी पाया गया। अम्बा थाना द्वारा टेबल वर्क अनुसंधान तथा निर्दोषों लोगों को अपराधी बनाने और अपराध के दुनियां में झोंकने का घृणित प्रयास गुड पुलिसिंग तथा औरंगाबाद पुलिस सदैव आपकी सेवा में मुहीम को धक्का तो लगा ही रहा है साथ ही पुलिस के गरीमा और शाख भी धूमील कर रहा है। इसके अलावा बिहार सरकार के दावा की सरकार नहीं किसी को फंसाती है और नहीं बचाती है को भी सवालों के घेरे में खड़ा कर रहा है। इसकी जानकारी जब आलोक कुमार को मीली तो जिलाधिकारी पुलिस अधीक्षक औरंगाबाद तथा मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए दोषी पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध पदीये शक्ति का दुरपयोग करने के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग किया है।ग्राम पंचायत परता के पूर्व मुखिया डॉ ०मिथलेश तीवारी ने भी गंभीर चिंता ब्यक्त करते हुए कहा कि मेरे जानकारी में परता गांव नहीं बल्कि पुरे पंचायत में भी अनुज पाण्डेय पिता बैजनाथ पाण्डेय नाम का कोई व्यक्ति नहीं है। तो फिर अम्बा पुलिस को अनुज पाण्डेय पिता बैजनाथ पाण्डेय कहां मिल गया यह तो जांच से ही खुलासा होगा।