अरेस्ट मेमो का प्रयोग अनिवार्य : जिला जज

अम्बुज कुमार खबर सुप्रभात समाचार सेवा


व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद के जिला जज द्वितीय विश्व विभूति गुप्ता ने आज़ एक केस के सुनवाई के दौरान देव थाना के आई ओ को कहा कि किसी भी अभियुक्त को गिरफ्तारी के दौरान अरेस्ट मेमो का प्रयोग आवश्यक है नहीं तो गिरफ्तारी अवैध हो सकता है अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने अरेस्ट मेमो के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अभियुक्त को गिरफ्तारी के समय गिरफ्तारी के कारण का जानकारी देना आवश्यक है यह जानकारी उसके परिवार को भी देना आवश्यक है, अरेस्ट मेमो में व्यक्ति का नाम,पता,गिरफ्तारी के समय, दिनांक, गिरफ्तारी के कारण, गवाहों का हस्ताक्षर, बरामदगी और गिरफ्तार व्यक्ति का हस्ताक्षर होता है, और गिरफ्तार व्यक्ति को उसके अधिकार बताया जाता है, इसका उद्देश्य गिरफ्तारी को वैध बनाना और मनमानी गिरफ्तारी, हिरासत रोकना है, केस के आई. ओ. को इसकी जिक्र केस डायरी में करना है और साक्ष्य में उपयोग में लाना है, आपको मालूम कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरबिंद केजरीवाल को ई डी ने गिरफ्तारी के समय अरेस्ट मेमो पढ़कर सुनाया था इसका पालन सभी जगह करना चाहिए इसका जिक्र हमें सी. आर. पी. सी. की धारा -41 बी और बी. एन. एस. एस की धारा -47 में मिलता है।