उत्साह एवं उत्सव के रूप में मनाया गया अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस, भारतीय परम्पराओं का हिस्सा रहा है योग, जिसे आज वैश्विक पहचान मिली : जिला जज

अम्बुज कुमार खबर सुप्रभात समाचार सेवा


माननीय बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकर एवं माननीय उच्च न्यायालय, पटना के निर्देशानुसार अन्तर्राष्ट्रीय योगा दिवस 2025, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, एवं व्यवहार न्यायालय, औरंगाबाद के संयुक्त तत्वावधान में श्रीमान् प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार श्री राज कुमार के नेतृत्व में आज बृहत एवं भव्य रूप से जिला विधिक सेवा प्राधिकार अन्तर्गत विधिक सेवा सदन में मनाया गया। साथ ही योग के प्रति जागरूक करते हुए प्रत्येक व्यक्ति एवं परिवार को को योग करने के लिए प्रेरित किया। योग उत्सव कार्यक्रम का मुख्य आयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकार स्थित विधिक सेवा सदन में जिला जज के नेतृत्व में आयोजित किया गया जिसमें श्री सत्य भूषण आर्या, प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय, श्री विश्व विभूति गुप्ता जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश श्री अशोक कुमार गुप्ता, जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश श्री लक्ष्मीकान्त मिश्रा जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश श्री निशित दयाल, जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश श्री कन्हैया लाल यादव जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश श्री आनन्द भूषण, जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश श्री विवेक कुमार सिंह जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश श्री उमेश प्रसाद, जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश श्री मनीष कुमार जायसवाल, जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश श्री पंकज पाण्डेय जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री लाल बिहारी पासवान, मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी डा0 दीवान फहद खान, अपर मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी श्री सुशिल प्रसाद सिंह, अपर मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी श्री संदीप कुमार सिंह, अपर मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी , श्री प्रदीप चन्द्रा, अपर मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी, श्री राजीव कुमार, न्यायिक दण्डाधिकारी, प्रथम श्रेणी, श्री शोभित सौरभ न्यायकर्ता एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव तान्या पटेल, सहित समस्त न्यायिक पदाधिकारीगण, एवं कर्मचारीगण तथा अन्य ने इसमें एकसाथ योग कर अपनी भागीदारी निभाई। उक्त आयोजित योग दिवस पर उपस्थित लोगों को प्रशिक्षित योग शिक्षक योगेन्द्र भूषण, ने विभिन्न योग के आसनों का अभ्यास कराया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जिला जज ने योग के प्रति लोगों को प्रेरित करते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को योग को दिनचार्या में शामिल करना चाहिए। उन्होंने अपने सम्बोधन में यह भी कहा कि योग भारत में आदि काल से चला आ रहा है जिसका पहचान अब अन्तराष्ट्रीय स्तर पर पहुॅच चुकी है। योग भारतीय परम्पराओं तथा ऋषि मुनियों का आदिकाल से हिस्सा रहा है जो अब अपना वैश्वीक पहचान बना चुका है। जिला जज द्वारा कहा गया कि मानव के सुखी और निरोगी जीवन के लिए इसके महत्व को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ ने 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योगा दिवस घोषित किया है। अतः हम सभी को योग को प्रतिदिन अपने जीवन में आत्मसात करना बेहद ही जरूरी है योग सिर्फ न कई बीमारियों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है साथ ही मनुष्य को कई मानसिक समस्याओं से निजात दिलाता है। योग का शाब्दिक अर्थ ही जोड़ होता है जिसका मतलब शरीर और एकाग्र मन जब आपस में जुड़ते हैं तो एक स्वस्थ्य एवं एकाग्रचित शरीर का निर्माण होता है जो सभी बीमारियों से दूर रखने में सहायक साबित होता है।
प्राधिकार के सचिव तान्या पटेल ने भी योग के महत्व को बताते हुए कहा कि अगर व्यक्ति योग को जीवन में आत्मसात करता है तो वह शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ्य होता है और स्वस्थ्यचित व्यक्ति कई समस्याओं को अपने पास आने से रोक लेता है। अक्सर यह देखा गया है कि कई तरह के विधिक समस्याओं के पीछे मानसिक परेशानी रहती है जो योग से दूर की जा सकती है अगर वह योग से जुड़ा होता तो वह मानसिक समस्या से दूर रहता तो उसके समक्ष विधिक समस्या भी नहीं होती, इसलिए प्रत्येक मनुष्य की समस्याओं का निदान योग में निहित है बस इसे जानने और करने की जरूरत है। सचिव द्वारा बताया गया कि इस बार योग का थीम ’’एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग है। सचिव द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि माननीय बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देश के आलोक में मण्डल कारा, औरंगाबाद एवं उपकारा दाउदनगर तथा बच्चों से सम्बन्धित सुरक्षित स्थान बभण्डी में भी योग कार्यक्रम का आयोजन कराया गया है जिसमें मुख्य कानूनी बचाव अधिवक्ता श्री युगेश किशोर पाण्डेय, सहायक कानूनी बचाव अधिवक्ता चन्दन कुमार मिश्रा द्वारा मण्डल कारा, औरंगाबाद में तथा श्री मुकेश कुमार उप मुख्य कानूनी बचाव अधिवक्ता एवं रंधीर कुमार सहायक कानूनी बचाव अधिवक्ता बच्चों के लिए सुरक्षित स्थान में उपस्थित होकर इस अन्तर्राष्ट्रीय योगा दिवस को सफल बनाया गया।