औरंगाबाद खबर सुप्रभात समाचार सेवा
बिहार में विकास हो रहा है और सभी को न्याय के साथ विकास का अवसर प्राप्त हो रहा है। लेकिन विकास और न्याय के दावे का असलियत का पोल खोल रहा है औरंगाबाद जिले के दाउदनगर अनुमंडल मुख्यालय। बताते चलें कि दाउदनगर अनुमंडल मुख्यालय पटना औरंगाबाद पथ एनएच 139 पर बसा हुआ है। अनुमंडल मुख्यालय का चर्चित

भखरुआ मोड़ जहां से प्रदेश के राजधानी पटना तथा प्रमंडलीय मुख्यालय गया जाने का मार्ग प्रशस्त करता है और यहां से प्रतिदिन हजारों यात्री गुजरते हैं। लेकिन अनुमंडल बने लगभग तीस साल से ज्यादा हो गया और अभी तक यहां एक शुलभ शौचालय का निर्माण तक नहीं कराया गया है। इतना ही नहीं यात्रियों को सुविधा के लिए एक बस स्टैंड का भी निर्माण आज तक नहीं हो सका है। जबकि प्रदेश में 1990 से समाजिक न्याय और विकास के धारा पर चलने का दावा करने वाले राजद और जदयू के सरकार रहा है। यहां राजद और भाकपा-माले का विधायक बनते रहे हैं लेकिन उनके द्वारा कभी भी इसके लिए प्रयास नहीं किया गया फलस्वरूप आज एक सुलभ शौचालय और बस स्टैंड के लिए स्थगित नागरिक तरस रहे हैं।भखरुआ मोड़ स्थित मुख्य पथ पर ही छोटे बड़े वाहन रुक कर सवारी चढ़ाने और उतारने का कार्य करता है और मुख्य पथ पर ही टेम्पु सवारी के लिए रुकती है। फलस्वरूप यहां दुर्घटना के संभावना बनी रहती है। सवारी अपने जान को दांव पर लगाकर यात्रा करने के लिए मजबूर हो रहे हैं। यहां सुलभ शौचालय नहीं रहने से परेशानियों का सामना सबसे ज्यादा महिला यात्रियों को करना पड़ रहा है। पूर्व मंत्री स्व० रामबिलास सिंह यादव के यथक प्रयास के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद द्वारा अनुमंडल का उद्घघाटन इसलिए किया गया था की शहर का विकास होगा और आम नागरिक को बुनियादी सुविधाएं नसीब होगा। लेकिन आज उनका सोच दिवा स्वप्न और काल्पनिक बन कर रह गया है। भाकपा माले के राजाराम सिंह इस क्षेत्र का दो बार विधानसभा में प्रतिनिधित्व करते रहे और पुनः 2024 के लोकसभा चुनाव जित कर सांसद बन गए। एक साल के सांसद का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है लेकिन अभी तक इस दिशा में उन्होंने कोई पहल किये हैं इसकी जानकारी संवाद लिखे जाने तक नहीं है।