फर्जी प्रभारी प्रधानाध्यापक बनकर छात्रवृत्ति का राशि हड़पने का मामले का राजफाश होगा या जांच भी चढ़ जायेगा भ्रष्टाचार का भेंट ? फर्जी प्रभारी प्रधानाध्यापक पुनम देबी आखिर है कौन क्या जांच से होगा पर्दाफाश ? बैंक खाता में अंकित मोबाइल नम्बर घोटाला का मास्टरमाइंड तो नहीं? जिलाधिकारी द्वारा दिये गए आदेश का अनुपालन जिला निलाम पत्र पदाधिकारी करेंगे या फिर साबित होगा हवा हवाई आदेश?


औरंगाबाद खबर सुप्रभात समाचार सेवा


औरंगाबाद जिले में एक नहीं दर्जनों विद्यालय में गरीब दलित और पिछड़े वर्ग के पढ़ने वाले छात्र छात्राओं के छात्रवृत्ति का घोटाला होते रहा है। और बिहार सरकार का भ्रष्टाचार के मामले में o टालरेंश का दावा टांय-टांय फीस साबित होते रहा है। जिसका जिता जागता उदाहरण औरंगाबाद जिले के कुटुम्बा प्रखंड अंतर्गत परता मध्य विद्यालय है। परता मध्य विद्यालय के फर्जी प्र० प्रधानाध्यापक पुनम देबी द्वारा पंजाब नेशनल बैंक शाखा रिसियप में 2015 में एक बैंक खाता खोल कर गरीब दलित एवं पिछड़े वर्ग के छात्र छात्राओं को मिलने वाले लगभग 16 लाख छात्रवृत्ति मद्द के राशि को डकार गए। बैंक खाता खोलने के लिए जो आवेदन/फार्म भरा गया है उसमें अंकित मोबाइल नम्बर बिचौलिए का है। आशंका जताया जा रहा है कि इस महा घोटाला के खेल में कहीं मोबाइल धारक तो मास्टर माइंड नहीं है? महाघोटाला के लिए दोषी प्रभारी प्रधानाध्यापक पुनम देबी को जिला निलाम पत्र पदाधिकारी द्वारा नोटिस तामिला ( धारा -07) के तहत अम्बा थाना द्वारा तामिला कराया गया है। पुनः जिला अधिकारी औरंगाबाद द्वारा सभी जिला निलाम पत्र पदाधिकारी के साथ 17मई 2025को समीक्षा बैठक कर यह दिशा निर्देश दिया गया है कि प्री वारंट नहीं बाड़ी वारंट जारी किया जाए। लेकिन जिला पदाधिकारी का आदेश का अनुपालन और घोटाले का खेल का सच्चाई प्रकाश में आयेगा या फिर जांच भी भ्रष्टाचार का भेंट चढ़ जाएगा यह आम अवाम के बीच संसय बना हुआ है। वैसे पुनम कुमारी प्रभारी प्रधानाध्यापक पतिला प्राथमिक विद्यालय द्वारा जिला कल्याण पदाधिकारी एवं सांख्यिकी पदाधिकारी को आवेदन देकर गुहार लगाया गया है कि उक्त बैंक खाता से मेरा कोई लेना-देना नहीं है और नहीं मेरा कोई हस्ताक्षर अथवा फोटो है। बेवजह महिला समझ कर मुझे परेशान किया जा रहा है। ऐसे में अब सिग्नेचर स्पष्ट से ही खुलासा होगा कि आखिर किसके राइटींग में यह सब घोटाला का महा खेल होते रहा और अधिकारी तथा शिक्षा समिति तमाशबीन बने रहे? फर्जी प्रभारी प्रधानाध्यापक पुनम देबी आखिर है कौन अभी तक रहस्य बना हुआ है।