भ्रष्टाचार के दरिया में गोता लगा रहे कुटुम्बा के विडियो मांग रहे भ्रष्टाचार के प्रमाण


अम्बा ( औरंगाबाद ) खबर सुप्रभात समाचार सेवा


कुटुम्बा प्रखंड 20 सूत्री के बैठक 20 मई ( मंगलवार ) को अम्बा स्थिति प्रखंड मुख्यालय के प्रांगण में बहुदेशीय भवन में संपन्न हुई। बैठक के अध्यक्षता 20सूत्री के प्रखंड अध्यक्ष प्रवीण गुप्ता तथा संचालन उपाध्यक्ष हरेन्द्र सिंह ने किया।
मिडिया रिपोर्ट के अनुसार 20 सूत्री बैठक काफी हंगामेदार रहा तथा भ्रष्टाचार के विरुद्ध बैठक में उपस्थित सदस्यों ने

मनोज कुमार, प्रखंड विकास पदाधिकारी, कुटुम्बा

आवाज उठाया। पढ़ने और सुनने में तो बहुत अच्छा लगा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रखंड में देर सही लेकिन अब आक्रोश बढ़ रहा है। लेकिन भ्रष्टाचार के विरुद्ध उठे आवाज को प्रखंड विकास पदाधिकारी ने प्रमाण मांग कर आवाज को ठंडा करने का कोशिश किये। अब सवाल यह उठता है कि भ्रष्टाचार का प्रमाण क्या उपस्थित माननीय सदस्य के पास नहीं था? यदि नहीं तो फिर माननीय सदस्यों द्वारा आवाज कैसे उठाया गया? हालांकि भ्रष्टाचार का प्रमाण प्रखंड के अधिकांश पंचायतों में साफ झलक रहा है तो फिर माननीय सदस्यों के पास प्रमाण तो होगा ही। लेकिन माननीय सदस्यों द्वारा भ्रष्टाचार के दरिया में गोता लगा रहे कुटुम्बा के प्रखंड विकास पदाधिकारी मनोज कुमार को प्रमाण नहीं देना माननीय सदस्यों से आम जनता का सवाल खड़ा कर रहा है। बताते चलें कि प्रखंड के परता ग्राम पंचायत में ग्रामीणों का फर्ज़ी हस्ताक्षर बनाकर आम सभा करने का मामला प्रखंड विकास पदाधिकारी मनोज कुमार को जानकारी है।कई ग्रामीणों ने बजाप्ता शपथपत्र दिया है कि ग्राम सभा के रजिस्टर में मैं दस्खत नहीं किया हूं। मेरा दस्खत फर्जी है। फीर रिसियप पंजाब नेशनल बैंक में परता मध्य विद्यालय के फर्जी प्रधानाध्यापक बनकर दलित पिछड़े एवं गरीब छात्रों के मिलने वाले छात्रवृत्ति मद्द के 16लाख रुपये हड़प लिया गया। बैंक में खाता खोलने के लिए आवेदन/फार्म पर जाली हस्ताक्षर और बिचौलिए का मोबाइल नंबर होना क्या इसकी जानकारी प्रखंड विकास पदाधिकारी मनोज कुमार को नहीं है? जबकि यह मामला सुर्खियों में है। जाहिर है कि प्रखंड विकास पदाधिकारी सबकुछ जानते हुए पटना हाईकोर्ट में एक शपथपत्र ग्रामीणों के जाली हस्ताक्षर के आधार पर दाखिल करने वाले प्रखंड विकास पदाधिकारी यह साबित करते हैं कि स्वयं भ्रष्टाचार के दरिया में गोता लगा रहे हैं और फिर प्रमाण मांगने का बात कर माननीय सदस्यों को दिग्भ्रमित कर रहे हैं। उक्त जानकारी प्रखंड विकास पदाधिकारी के अलावे जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री को भी है लेकिन आश्चर्य है कि बेलगाम अफसर वेताज बादशाह बने हुए हैं।