पत्रकार ने अपने बेटी के शादी में नया रश्म के शुरुआत कर दिए संदेश

हसपुरा ( औरंगाबाद ) खबर सुप्रभात समाचार सेवा

हसपुरा प्रखंड के बंगाली बिगहा गाँव में शादी में एक नई परंपरा की शुरुआत की गई। शादी के रश्मों- रिवाजों में वैवाहिक गीत संगीत के साथ कविता पाठ को भी रश्मों की तरह निभाया गया।प्रखंड के वरिष्ठ पत्रकार सह साहित्यकार शम्भू शरण सत्यार्थी ने अपनी पहली पुत्री कविता की शादी में मंडपाच्छादन जिसे बोलचाल की भाषा में मड़वा के रश्म के रात कवि सम्मेलन का आयोजन किया। आयोजन में जुटे कवि अपनी अपनी कविता से कविता को आशीर्वाद दिया। कवि सम्मेलन के मंच की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार अलखदेव प्रसाद अचल ने की, जबकि संचालन राजेश कुमार विचारक ने किया। सम्मेलन की शुरुआत विचारक जी ने चुटीले अंदाज में की। विवाह में होने वाले नोंक – झोंक के प्रकरणों को सुनाकर नशाखोरी और दहेजप्रथा पर कटाक्ष किया। वहीं गीतकार समुंदर सिंह ने मगही में ससुरारी शीर्षक से कविता पाठ किया। जिसे सुनकर श्रोता लोटपोट हो गए।शायर दुष्यंत राणा व शमशाद आलम ने भी अपनी शायरी से श्रोताओं को खूब रिझाया। संगीत शिक्षक अरविंद कुमार वर्मा ने किसानों की पीड़ा को कविता के माध्यम श्रोताओं के बीच रखा। सबसे अंत में मंच की अध्यक्षता कर रहे अचल ने कविता पाठ कर आज की सियासत पर करारा कटाक्ष किया।शादी के रश्मों के बीच कविता पाठ लोगों को खूब पसंद आया। जिसे सुनने के लिए भारी संख्या में ग्रामीण और महिलाएं उपस्थित थे। इस मौके पर पूर्व प्रखंड प्रमुख नागेश्वर यादव,अरुण कुमार, रंजन कुमार,अनिल कुमार,अयोध्या सिंह, श्रीकांत प्रसाद, कृष्णा सिंह,सुशील कुशवाहा,प्रभात कुमार आदित्य कुमार समेत दर्जनों लोग उपस्थित थे।