नल -जल बना किन्हीं की निजी सम्पति, कई लोग टुल्लु पंप लगाकर खिंच ले रहे हैं सारा पानी । आम आवाम बुँद – बुँद पीनें का पानी हेतु तरस रही है

मदनपुर ( औरंगाबाद ) खबर सुप्रभात समाचार सेवा


हर व्यक्ति को पीनें का पानी साफ तथा प्रर्याप्त मिले, इसके लिए सरकार नें हर वार्ड में जल मिनार का निर्माण कराकर हर घर नल का साफ जल पहुंचानें की अति महत्वाकांक्षी योयना लाई है। योयना को सही ढ़ंग से सुचारू रखा जाय तो कोई भी व्यक्ति प्यासा नहीं रहेगा। हद तो तब हो जाती है कि

कुछ स्वार्थी तत्व सरकार की इस कल्याणकारी योजना को धता बताकर निजी लाभ में लग जाते हैं। अपनी दवंगता का फायदा लेकर नल – जल के पाईप में टुल्लु पंप लगाकर खेतों की सिंचाई, बागवानी, गृह निर्माण का कार्य, घर में लगे निजी टंकी की भराई करनें लगते हैं। नतीजन गरीव, दलितों एवं कमजोर तबकों को एक बाल्टी पीनें का पानी भी नल – जल से मयस्सर नहीं हो पाता। टुल्लु पंप क्यों लगायें हैं, पुछे जानें पर मार – पिटाई पर उत्तर जाते हैं।
टुल्लु पंप लगानें का मामला मदनपुर नगर पंचायत के ग्राम दशवत खाप के वार्ड नम्बर – 1 1 एवं 1 2 में कई घरों में देखने को मिलता है। सवसे चौंकानें वाली बात तो यह है कि एक तरफ लोग नल -जल से एक बाल्टी पीनें की पानी के लिए तरस रहे हैं, तो वहीं दुसरी तरफ दवंगता का परिचय देते हुए टुल्लु पंप से जानवर को सुवह – शाम नहलाते देखे जाते हैं। गरीब आखिर करे तो क्या करे ? बिरोध करे त्तो गाली मार खाये, अन्यथा प्यासा मरे। क्या बाबा साहव के संविधान में इसे ही सामाजिक न्याय कहा जायेगा। आज पुछता है भारत ?