शहीद मनीष कुमार आज राजकीय सम्मान के साथ पंचतत्व में विलीन, शहीद मनीष का पार्थिव शरीर पांडे गंगौट गांव पहुंचते ही अथाह जन सैलाव उमड़ा,जगह पड़ गया छोटा

नवादा खबर सुप्रभात समाचार सेवा


देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाला भारत के बिहार राज्य के नवादा जिले का लाल वीर सपूत मनीष कुमार का पार्थिव शरीर आज शनिवार को सुबह जिला मुख्यालय पहुंचा,जहाँ एक झलक पाने के लिए हजारों जनता उमड़ पड़ी । शहीद मनीष के सम्मान में स्वतः तमाम व्यवसायियों ने स्वेच्छापूर्वक अपने- अपने प्रतिष्ठानों को बंद कर दिया।शहीदों के प्रति व्याप्त संवेदनाएं व समर्पण की झलक साफ दिखाई पड़ा। राजनेताओं का ताँता लगा रहा। वहीं पर लोकप्रिय लोक गायक धर्मेन्द्र ने अपने लोकगीत से सभी श्रोताओं का मन मोह लिया। मनीष की सहादत से जुड़े कई लोकगीत सुनकर क्रांतिकारी ऊर्जा का संचार प्रवाहित कर दिया। जदयू के राज्य सभा सदस्य भीम सिंह,अति पिछड़ा आयोग के सदस्य प्रमोद चन्द्रवंशी, जदयू जिला अध्यक्ष मुकेश विद्यार्थी सरोज सिंह,अजय सिंह,मुखिया जी सबों ने शहीद मनीष के शोकाकुल परिवार से भेंट मुलाकात की। सांसद भीम सिंह ने संकट की इस विषम परिस्थिति में ढांढ़स बंधाते हुए कहा कि हरसंभव सहयोग करने के लिए हमेशा तत्पर व तैयार रहेंगे। दुःख की इस घड़ी में हम पुरे समाज आपके साथ हैं और रहेंगे। भाजपा के जिला अध्यक्ष अनिल मेहता,पूर्व जिलाध्यक्ष मुन्ना जी, महासचिव अरबिंद बर्णवाल,नन्दू चौरसिया,सुधीर सिंह,मनोज सिंह समेत अन्य दर्जनों नेता थे। विभिन्न दल से हजारों- हजार लोग इस शव यात्रा के प्रत्यक्ष साझीदार थे। सभी दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उत्साहपूर्वक माल्यार्पण व पुष्पांजलि अर्पित किया। शहीद के सभी परिजनों ने रोते-बिलखते पुष्पांजलि की। जिले के तमाम आला अधिकारीयों ने शहीद मनीष के पार्थिव शरीर पर श्रद्धासुमन चढ़ाया।
जिले के सभी जनप्रतिनिधियों एवं पदाधिकारियों के साथ नवादा सदर विधायक विभा देवी ने पुलिस लाइन पहुंचकर शहादत को नमन किया और शहीद रथ के साथ चल रहे विशाल काफिले का हिस्सा बनी । उन्होंने मनीष के पैतृक गाँव पाण्डेय गंगौट पहुंचकर तिरंगे में लिपटे वीर शहीद देश के लाल मनीष के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित किया और डबडबाई आँखों से श्रद्धांजलि दी ।
शहीद की आखिरी विदाई में उमड़ते जनसैलाब और उसमें देशभक्ति के जज्बे को देखकर उन्होंने कहा कि वीर जवानों के हाथ में देश कल भी सुरक्षित था ,आज भी है और कल भी रहेगा । विभिन्न दलों की सत्ता का आना-जाना तो लगा ही रहेगा, मगर देश के वीर योद्धा मनीष जैसे बहादुर जवानों के इरादे हमेशा बुलन्दियों व सुर्ख़ियों में रहेंगे। * जबतक सूरज चाँद रहेगा- अमर मनीष का नाम रहेगा। *
उन्होंने केंद्र व राज्य सरकारों से मांग की है कि मनीष के सर्वोच्च बलिदान के लिए सर्वोच्च सम्मान के साथ उनके आश्रितों पर अभाव का साया भी नहीं पड़ने दें । विधायक के काफिले में नवादा एमएलसी सह जदयू नेता अशोक यादव , जिला परिषद अध्यक्ष पुष्पा राजवंशी , सामाजिक कार्यकर्ता और अतिपिछड़ा वर्ग के वरिष्ठ नेता अमित चन्द्रवंशी , सुरेन्द्र यादव , देवनंदन यादव उर्फ़ घुटर यादव , अजय मुखिया ,मदन कुमार इत्यादि शामिल थे ।
शव के पैतृक गांव पांडेय गंगौट पहुंचते ही मनीष का बलिदान नहीं भूलेगा हिन्दुस्तान, पाकिस्तान मूर्दाबाद,भारत माता की जय,वंदे मातरम् , शहीद मनीष अमर रहें तथा जय हिन्द जैसे नारों से सम्पूर्ण गाँव, इलाका व नवादा जिला गूंज उठा। हजारों से ज्यादा मोटर साईकिल नवादा पहुंचकर शहीद मनीष के पार्थिव शरीर का अगवानी करते श्मशान घाट तक पहुंचे। जहाँ सलामी गारद के शोक धुन व सलामी के साथ मुखाग्नि का रस्म संपन्न होते ही अग्नि के हवाले किया गया। पांडेय गंगौट के ग्रामिणों का कहना है कि अपने जीवन काल में इतनी बड़ी भीड़ इस गांव में कभी नहीं देखा है। दसियों हजार से ज्यादा लोग शव यात्रा में शामिल थे। अद्भुत नजारा दिख रहा था। कुछ लोगों ने तो यहाँ तक कह डाला कि पांडेय गंगौट व नवादा जिला का नाम जिस शिखर पर देश सेवा में अपने शहीद होकर मनीष ने पहुंचाया वो काफी अहम् अमूल्य, काबिलेतारीफ और अनुकरणीय है। सबसे बड़ी बात यह है कि आज इस शव यात्रा में एक ओर गम की दरिया और दूसरी तरफ ख़ुशी का समंदर भी उमड़ते दिखाई दे रहा था। बताते चलें कि बिहार राज्य के नवादा जिले के अंतर्गत कौआकोल प्रखंड सह रुपौ थाना के पांडेय गंगौ ट तथा देश के लाल वीर सपूत मनीष कुमार ने पिछले 14 मई सुबह में जम्मू- कश्मीर के लदाख-कारगिल वॉडर पर भारत-पाकिस्तान युद्ध में पाकिस्तानी आतंकवादी दुश्मनों को छक्का छुड़ाते लड़ते शहीद हो गये थे। जबतक शहीद मनीष का पार्थिव शरीर गांव नहीं पहुंचा, तीन दिन तक पुरे पांडेय गंगौट में किसी भी घर में चूल्हा तक नहीं जला,मनीष की शहादत की सदमा से सभी कितना मर्माहित हो गये थे ,यह तो अंदाज ही लगाया जा सकता है ? उनके परिवार की दहाड़ व करुण क्रंदन से सबों की नींद व चैन हराम हो गया था। शहीद मनीष के पार्थिव शरीर आज आ जाने और पंचतत्व में रीति-रिवाज के साथ विलीन हो जाने से कुछ राहत की साँस सा महसूस ग्रामिणों को हो रहा है। इतनी भीड़ जुट जायगी यह तो पुलिस- प्रशासन या किसी को भी अनुमान व पता नहीं था। इसके बावजूद भी शव यात्रा बहुत अनुशाषित, शांतिपूर्ण मानवीय व जनतांत्रिक तरीके से ऐतिहासिक तरीके से शत-प्रतिशत सफल रहा। पुरे गांव इलाके व जिले वासियों ने दिल खोलकर इस शव यात्रा को शानदार ढंग से सफल बनाने के लिए तन-मन-धन से पूरा समर्थन व सहयोग किया। यह शव यात्रा एक मील के पत्थर प्रत्यक्ष प्रमाणित हुआ है।