अम्बुज कुमार खबर सुप्रभात समाचार सेवा
6 मई (मंगलवार) को औरंगाबाद में धरना स्थल दानी बिगहा में भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले भारत माला परियोजना से प्रभावित किसानों ने एक दिवसीय महाधरणा देकर सरकार और प्रशासन को चेतावनी देते हुए आगाह किया है कि जब तक अधिग्रहित भूमि का उचित मुआवजा का भुगतान नहीं करती है तो किसान परियोजना का निर्माण

कार्य नहीं होने देगा। धरना को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि सरकार और प्रशासन मोगालते में नहीं रहे और दमन के नीति वापस लेकर किसानों को उचित मुआवजा का अविलंब भुगतान करें। वक्ताओं ने कहा कि जो सरकार किसानों से टकराई है उनका सत्ता भी गवानी पड़ी है। अधिकारियों को भी चेतावनी लहजे में कहा कि किसानों के ऊपर जूल्म ढाहने और कानून को हाथ में लेने का मतलब उन्हें नौकरी भी गवानी पड़ सकती है। औरंगाबाद सदर के कांग्रेस विधायक आनंद शंकर भी धरना स्थल पहुंचे तथा किसानों के समर्थन में खरी खोटी सुनाते हुए कहे कि किसानों ने ही हमें विधायक बनाया है इसलिए किसानों के हित में चट्टान के तरह खड़ा हूं। और आगे भी खड़ा रहूंगा। उन्होंने आगे कहा कि किसानों के मुआवजा देने में सरकार और प्रशासन का दोहरा चरित्र उजागर हुआ है। धरना के समर्थन में पहुंचे राजद के प्रदेश महासचिव ई० सुबोध सिंह ने कहा कि यदि सरकार और प्रशासन बहरी बनी हुई है और संसद सुना है तो हम किसानों के साथ खड़े हैं और तब सड़क पर उतरेंगे तथा बहरी सरकार और प्रशासन से आर पार की लड़ाई लड़ेंगे। भारतीय किसान यूनियन के बिहार – झारखंड प्रभारी दिनेश कुमार सिंह ने भी चेतावनी देते हुए कहा कि किसान मोदी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट भारत माला परियोजना का विरोधी नहीं हूं। किसान भी चाहते हैं कि भारत माला परियोजना के तहत वाराणसी – कोलकात्ता एक्सप्रेस-वे का निर्माण हो लेकिन किसानों के जमीन का सरकार उचित मुआवजा दे नहीं तो किसानों का संघर्ष और तीखा होगा। जिसे दमन के बल पर कुचला नहीं जा सकता है। महाधरना के अध्यक्षता अरविंद कुमार सिंह एवं संचालन विकास कुमार सिंह ने किया महाधरना को राजकुमार सिंह, अनिल कुमार सिंह, विरेंद्र सिंह, अभिजीत सिंह, विजय कुमार पाण्डेय, भोला पाण्डेय, कमला शर्मा, नरेन्द्र राय, कृष्णा पाण्डेय ने भी संबोधित किया।