तजा खबर

आखिर घोटाले का जांच करने में विलम्ब क्यों कर रहे अधिकारी ?

देव ( औरंगाबाद ) खबर सुप्रभात समाचार सेवा


औरंगाबाद जिले के देव प्रखंड अंतर्गत बेढ़ना पंचायत के बारा खुर्द के ग्रामीणों द्वारा मुखिया निशा सिंह एवं पंचायत सचिव बीनोद बेक पर 15 वीं वीत आयोग के 10 लाख रुपए गबन करने का लगाये गये आरोपों को जिला पंचायत राज पदाधिकारी व देव के प्रखंड विकास पदाधिकारी जांच कर सच्चाई को सामने लाने में आखिर विलम्ब क्यों कर रहे हैं ? अभितक जांच के नाम पर प्रशासनिक स्तर से नजर अंदाज करना ग्रामीणों के बीच अबुझ पहेली बनते जा रहा है तथा कई सवाल खड़ा कर रहा है। ग्रामीणों को मानें तो घोटाले की राशि का कमिशन के रुप में अधिकारियों तक पहुंचाता है और इसी वज़ह से अधिकारी जांच करने में दिलचस्पी नहीं देखा रहे हैं। ग्रामीणों को मानें तो अधिकारियों के संरक्षण में राशि की लूट किया गया है और संदेह है कि जांच के नाम पर लिपापोती करने और घोटाले में संलिप्त लोगों को बचाने का षड्यंत्र किया जा रहा है। मामले में जदयू नेता व मुखिया पति अपू सिंह को मानें तो कुछ ग्रामीणों द्वारा नक्सलियों का भय दिखाकर पैसा वसुली करने का प्रयास में हैं जब उनके मंशा पुरा नही हो रहा है तो बेबुनियाद आरोप मुखिया और पंचायत सचिव पर लगाया जा रहा है। मुखिया पति द्वारा नक्सलियों का चिट्ठी भी मिलने का बात बताया गया है। पुछे जाने पर ग्रामीणों को कहना है कि नक्सलियों और पैसा मांगने का आरोप आखिर मौखिक रूप से क्यों लगाया जा रहा है यदि ऐसी बात है तो मुखिया पति व जदयू नेता को प्रमाण के साथ अविलम्ब प्राथमिकी दर्ज कराना चाहिए और नक्सली चिट्ठी को प्रशासन, मिडिया तथा आम लोगों के बीच सार्वजनिक करना चाहिए। हालांकि मुखिया पति द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने का बात तो मिडिया के हवाले से कहा जा रहा है लेकिन आखिर अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं होने से मुखिया पति और जदयू नेता का आरोपों संदेह के घेरे में खड़ा हो रहा है। अब सवाल यह उठता है कि क्या नक्सलि और पैसा मांगने का आरोप लगाकर ग्रामीणों को भयभीत करने और सरकारी राशि जो जनता के टैक्स का पैसा है उसे लूटने का ट्रेंड तो जिले में नहीं बनते जा रहा है। जाहिर है कि इस तरह का ट्रेंड औरंगाबाद जिले में और कई पंचायतों में भी प्रकाश में आया है। बताते चलें कि कुटुम्बा प्रखंड के परता पंचायत में भी घोटाले और अनियमितता का आरोप लगाने वाले ग्रामीणों तथा पत्रकारों पर इस तरह का मुखिया और उनके गुर्गों द्वारा फर्जी और मनगढ़ंत आरोप लगाया गया है तथा कई फर्जी और झुठे मुकदमा कर सरकार और प्रशासन तथा आम जनता को गुमराह करने का प्रयास किया गया है। हालांकि बारा खुर्द मामले में जिला पंचायत राज पदाधिकारी एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी देव द्वारा पुछे जाने पर खबर सुप्रभात प्रतिनिधि को बताया गया कि मामले का जांच शीघ्र कर सच्चाई को प्रकाश में लाया जायेगा और दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी।