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सदर अस्पताल बना दलालों का चारागाह

संवाद सूत्र खबर सुप्रभात समाचार सेवा


औरंगाबाद जिला मुखलालय में स्थित सदर अस्पताल ईन दिनों पूर्णतः दलालों की चंगुल में फंस चुका है। जैसे ही अस्पताल के गेट के अंदर कोई व्यक्ति अपनें परिजन को ईलाज करानें के लिए प्रवेश करता है कि दो _ चार दलाल उसके पीछे पड़ जाते हैं। क्या बिमारी है, कौन से डॉक्टर से 

दिखवाना है, क्या खर्च आयेगा – – मोलभाव शुरू कर देते हैं। बेचारा परिजन इन दलालों के चंगुल में फँस कर सरकारी अस्पताल होनें के बाद भी बेहतर ईलाज एवं बेहतर सुविधा के नाम पर मोटी रकम देनें को मजबुर हो जाता है। और तो और पोस्टमार्टम कराने में भी दलालों की खुब चाँदी कटती दिखती है। अमुक डॉक्टर से पोस्टमार्टम करा देंगें । जैसा चाहेंगे, वैसा रिर्पोट बनकर मिल जायेगा । इसके एवज में भी मोटी रकम बसुल की जाती है। क्या डबल इंजन की सरकार बिहार में है, और सदर अस्पताल का ये हाल कैसे हुई ? क्या डी.एम. साहब, स्वास्थ्य मंत्री, मुख्य मंत्री, प्रधान मंत्री जी को सदर अस्पताल दलालों का चारागाह बन चुका है, इसकी तनीक भी खबर नहीं है ? आम पब्लिक सोंच – सोंचकर परेशान है। वैसे भी समय-समय पर पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर सवाल उठते रहा है। यदि ऐसा मामला है और तो यह एक गंभीर मामला है तथा हाई लेवल पर गुप्त एवं खुला जांच कर सच्चाई को प्रकाश में लाने की जरूरत है।