तजा खबर

कुटुम्बा पुलिस यदि सक्रिय होती तो बचायी जा सकती थी 12 वर्षिय बालक अंकित की जान

औरंगाबाद खबर सुप्रभात समाचार सेवा


पुलिस की सक्रियता से बड़े से बड़े अपराधी भी पकड़े जाते हैं । और यदि पुलिस निष्क्रीय बनी बैठ जाती है तो आम जन का जीना हराम हो जाता है । छोटे अपराधी भी बड़ा कांड को अंजाम दे डालते हैं क्योंकि उन्हें खाकी वर्दी का भय रतिभर भी नहीं होता । इस कहावत को चरितार्थ करती है कुटुम्बा

थाना का पुलिस । अगर कुटुम्बा थाना की पुलिस अंकित के अपहरण की सूचना के बाद ऐक्सन में हो जाती तो वह मारा नहीं जाता । उसकी लाश झाडियों में बरामद नहीं होती। एरका गाँव का अंकित कुमार (12 वर्ष ) पिता जिम्मेदार पासवान विते रविवार से ही गायव हो गया था। उसके परिजन नें रविवार की रात, सोमवार की पूर्वाहन तक काफी खोजबीन की। जब अंकित कुमार का कोई सुराग नहीं मिला तो उसकी माँ परिजनों के साथ जाकर गुमसुदगी की सूचना कुटुम्बा थानें को दी। थाना द्वारा पिड़ीत परिजन को कहा गया कि वे लोग स्वयं ही अंकित को खोजें, पुलिस कहाँ खोजेगी । नतीजन आज बुधवार को झाड़ियों में अंकित का शव बरामद हो गया। इस घटना के बाद तो कुटुम्बा पुलिस की अमानवीय कुकृत्य के लिए तो सबाल उठना लाजिमी है। एरका गाँव के ही भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता जगनारायण पांडेय नें भी इस घटना की नींदा की तथा पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल खड़ा किया। वहीं बड़ा भाई विकास कुमार नें कहा कि हत्या में शामिल लोगों को शीघ्र गिरफ्तार किया जाए। वही एरका गाँव के ही जदयू के नेता रामाकांत सिंह नें भी इस घटना की नींदा की। उन्होनें एस. पी., डी. जी. पी. से घटना की निष्पक्ष जाँच कराते हुए दोषियों पर कठोर करवाई की माँग की है। उन्होनें आगे यह भी कहा कि इस अंकित हत्या कोड़ में कुटुम्बा पुलिस नें समय पर कोई कारवाई नहीं कर अपनी निष्क्रियता सावित कर दिया है। मृतक बालक अंकित की माँ पगला देवी की मानें तो कुटुम्बा पुलिस मेरे बच्चा को खोजनें में कोई मदत नहीं किया।