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पुनपुन महोत्सव टंडवा को मिला राजकीय महोत्सव का दर्जा

अम्बुज कुमार खबर सुप्रभात समाचार सेवा

इसके पहले देव, उमंगा, देवकुंड, अंबे , गजना, बड़ेम और जिला महोत्सव ( जिला स्थापना दिवस) को मिल चुका है राजकीय महोत्सव का दर्जा,
सत्यचंडी महोत्सव,विष्णु धाम महोत्सव, पंचदेव धाम महोत्सव, सीता थापा महोत्सव, पातालगंगा महोत्सव, परता धाम महोत्सव, ओबरा महोत्सव , दुमोहान महोत्सव सड़सा को राजकीय महोत्सव का दर्जा दिलाने की मांग।
औरंगाबाद जिला के ऐतिहासिक एवं पौराणिक स्थलों के महत्व को देश – दूनिया में प्रचारित प्रसारित करने , उसे पर्यटन स्थल का दर्जा दिलाने एवं उक्त स्थल का अपेक्षित विकास कराने हेतु महोत्सव की शुरुआत किया गया था । जनेश्वर विकास केंद्र के केंद्रीय सचिव और महोपुरुष सिद्धेश्वर विद्यार्थी ने बताया कि 1992 में जनसहयोग से देव महोत्सव से शूरुआत की गयी थी आज 16 महोत्सव मनायें जा रहे हैं। इनमें देव, देवकुंड, उमंगा ,अंबे, गजना, बड़ेम और जिला महोत्सव को पूर्व में ही राजकीय महोत्सव का दर्जा मिल चुका है । इस वर्ष पुनपुन महोत्सव टंडवा को भी राजकीय महोत्सव का दर्जा मिल चुका है । इस तरह अब तक आठ महोत्सव को सरकारी महोत्सव का दर्जा मिल चुका है । इसके लिए जनेश्वर विकास केंद्र और महोत्सव परिवार जिला प्रशासन , कला , संस्कृति एवं युवा विभाग एवं पर्यटन विभाग को धन्यवाद ज्ञापित करता है । साथ ही वर्षों से जन सहयोग से आयोजित विष्णु धाम जम्होर, सत्यचंडी महोत्सव रायपुरा, पंचदेव धाम चपरा, परता धाम, सीता थापा, पातालगंगा देव , दुमोहान सड़सा , और ओबरा महोत्सव को राजकीय महोत्सव का दर्जा देते हुए महोत्सव आयोजन हेतु 25 -25 लाख का आवंटन आवंटित करना सुनिश्चित किया जाये। विदित हो कि औरंगाबाद में पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं पर जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण आज एक भी। स्थल पर्यटन का दर्जा प्राप्त नहीं कर सका है । अतः जनप्रतिनिधियों से मांगा करता हूं कि यहां के ऐतिहासिक एवं पौराणिक स्थलों को पर्यटन स्थल का दर्जा दिलायें तथा उक्त स्थल का अपेक्षित विकास करायें ताकि अधिक से अधिक पर्यटक यहां पहुंचे।