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20 दिन में भी औरंगाबाद नगर थाना में नहीं दर्ज हुई प्राथमिकी


औरंगाबाद खबर सुप्रभात समाचार सेवा


औरंगाबाद जिले में पुलिस अधीक्षक स्वप्ना जी मेश्राम का गुड़ पुलिसिंग को अमली जामा पहनाने का आदेश जिले के सभी थानाध्यक्षों को दिया जाता रहा है। इतना ही नहीं प्रत्येक माह अपराध नियंत्रण हेतु अपराध गोष्ठी का आयोजन कर पुलिस

अधीक्षक द्वारा समीक्षा भी किया जाता है। समय-समय पर पुलिस अधीक्षक अथवा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी द्वारा थाना पहुंचकर समीक्षा बैठक और आदेश भी निर्गत किया जाता है। लेकिन औरंगाबाद नगर थानाध्यक्ष पर इसका कोई असर देखने को नहीं मिलता है। जानकारी के अनुसार पटना

स्थित बोरिंग रोड निवासी जो कि एक इनसाइड आउटसाइड इंफ्राश का मालिक है। इन्होंने औरंगाबाद नगर थाना में निबंधित आवेदन भेजकर मुफस्सिल थाना क्षेत्र के कुंडा निवासी कौशल सिंह एवं अन्य दो के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया है। लेकिन संवाद लिखे जाने तक

(लगभग 20 दिन बाद भी) प्राथमिकी दर्ज नहीं किया जा सका है। राजीव रंजन सिन्हा ने भेजे गए आवेदन का छाया प्रति एवं पंजीकृत डाक रसीद का छाया प्रति खबर सुप्रभात को उपलब्ध कराते हुए कहा कि कौशल सिंह द्वारा मेरे साथ जालसाजी एवं धोखाधड़ी कर 40,0000(चालीस लाख) रुपये का बेमानी कर चुके हैं। उन्होने आगे बताया कि औरंगाबाद स्थित करमा रोड़ में एक मैरेज हॉल तथा महराजगंज रोड़ मे तथा जसओईय में भी निर्माण कार्य करवाया गया। निर्माण कार्य का लगभग 75 प्रतिशत कार्य होने के बाद जब पैसा का मांग किया तो पैसे नहीं दे सके तथा कार्य भी बंद करा दिये और अपमानित करने लगे। आवेदन में उल्लेख है कि जब मैं 28/5/2024 को सुबह 09 बजे औरंगाबाद अपने काम से आया तो मुझे गाली गलौज करते हुए धमकाया गया तथा मुझसे मत टकराने का चेतावनी भी दिया गया। आवेदन में उल्लेख है कि दिवा श्री कन्सट्रक्सन के मालिक के नाम पर आरोपी ने एकरनामा धोखाधड़ी कर बनाया है जबकि सच्चाई यह है कि आरोपी देवा श्री कन्सट्रक्सन का मालिक नहीं हैं। इस संबंध में पुछे जाने पर औरंगाबाद नगर थानाध्यक्ष ने बताया कि राजीव रंजन सिन्हा का कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। इस संबंध में आवेदक को कहना है कि 06/6/2024 को आवेदन भारतीय डाक विभाग से रजिस्ट्री किया गया है फिर भी यदि थानाध्यक्ष कहते हैं कि आवेदन प्राप्त नहीं हुई है तो यह दुर्भाग्य पूर्ण है और थानाध्यक्ष के रवैए पर सवाल खड़ा होता है साथ ही गुड़ पुलिसिंग के लिए काला धब्बा है। इस संबंध में जब आरोपी से संपर्क कर जानने का प्रयास किया गया लेकिन संपर्क नहीं हो सका।