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छत्तीसगढ़ में नक्सलियों से लोहा लेने के दौरान शहीद हुआ औरंगाबाद का जवान, गांव में पसरा मातम

संवाद सूत्र खबर सुप्रभात समाचार सेवा

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों से मुठभेड़ के दौरान औरंगाबाद के जवान मदन सिंह शहीद हो गए। उनकी शहादत की खबर सुनकर पूरे गांव में मातम पसर गया है। शहीद जवान की एक बेटी और एक बेटा है, जिनके सिर से पिता का साया हमेशा के लिए उठ गया है।  छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के पंखाजूर में माओवादियों के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान के दौरान गुरुवार को पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई

औरंगाबाद के शहीद जवान मदन सिंह का फाइल फोटो

मुठभेड़ में औरंगाबाद का एक जवान शहीद हो गया। शहीद हुए जवान मदन सिंह औरंगाबाद के कुटुम्बा प्रखंड के सड़सा गांव के  निवासी थे। वह सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में कार्यरत थे। शहीद जवान के पार्थिव शरीर के शुक्रवार देर शाम तक पैतृक गांव आने की उम्मीद है। जवान की मौत के बाद से गांव में मातम पसरा है। गांव का माहौल गमगीन है। गांव के लोग अपने गांव के बेटे को अंतिम विदाई देने के लिए पार्थिव शरीर लाए जाने का इंतजार कर रहे हैं। बीएसएफ के जवान मदन सिंह के शहीद होने की खबर से सड़सा गांव के लोग स्तब्ध हैं। जैसे ही यह खबर गांव में पहुंची, गांव में शोक का माहौल उत्पन्न हो गया। ग्रामीण गमगीन हो गए। वहीं, परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। पूरे गांव में मातमी सन्नाटा पसरा है। गांव वालों के मुताबिक शहीद हुए जवान मदन सिंह सड़सा गांव निवासी मानदेव सिंह के तीसरे नंबर के सुपुत्र थे। उनकी उम्र करीब 40 वर्ष थी। मुठभेड़ में घायल होने के बाद इलाज के दौरान गुरुवार की रात में ही उन्होंने अंतिम सांस ली थी। उनकी छत्तीसगढ़ में ही पोस्टिंग थी और ड्यूटी के दौरान आखिरी बार वे होली के मौके पर अपने गांव आए थे। शहीद मदन सिंह की शादी वर्ष 2001 में संजू देवी से हुई थी जो उनके गांव में ही रहती हैं। उनका एक बेटा और एक बेटी है। बेटी सिया नंदिनी बीए फाइनल ईयर की छात्रा है, जबकि बेटा शिवम रांची में रहकर प्लस टू की पढ़ाई करता है। अपने पिता की शहादत की खबर सुनकर बच्चे भी गमगीन हैं। उन सभी का रो-रो कर बुरा हाल है।