आलोक कुमार निदेशक सह संपादक खबर सुप्रभात समाचार सेवा
21 मार्च 2024 को गिरफ्तार अरविंद केजरीवाल ठीक 50 दिन बाद रिहा हो गए। 10 मई की दोपहर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने इसे असाधारण केस मानते हुए अंतरिम जमानत के 5

प्रमुख आधार बताए। केजरीवाल का CM पद से इस्तीफा न देना भी उनके फेवर में गया है।
केजरीवाल की अंतरिम जमानत के 5 प्रमुख आधार हैं…
- आरोप तय नहीं: इस मामले में 26 नवंबर 2022 से जांच शुरू हुई। इसमें ED ने अब तक 4 सप्लीमेंट्री प्रॉसिक्यूशन कंप्लेंट यानी पूरक शिकायतें दायर की हैं। CBI ने 1 चार्जशीट के अलावा 2 सप्लीमेंट्री चार्जशीट भी दायर की। इसके बावजूद अरविंद केजरीवाल के खिलाफ अब तक आरोप तय नहीं किए गए हैं।
- सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग मामला: बेंच ने कहा कि
केस की इस स्टेज पर बहस करना या फैसला सुनाना संभव नहीं हैं। चूंकि केजरीवाल की अपील सुप्रीम कोर्ट के सामने पेंडिंग है, इसलिए केजरीवाल को अंतरिम जमानत या रिहाई के लिए ट्रायल कोर्ट में भेजना सही नहीं होगा।
- लोकसभा महत्वपूर्ण इवेंट: बेंच ने अपने फैसले में लिखा कि लोकसभा चुनाव इस साल का सबसे महत्वपूर्ण इवेंट है, जिसमें 65-70 करोड़ लोग वोट देंगे। बेंच ने ED के इस तर्क को खारिज कर
दिया कि केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने से आम लोगों में गलत संदेश जाएगा कि नेताओं को विशेष ट्रीटमेंट मिल रहा है। बेंच ने कहा कि अंतरिम जमानत या रिहाई देते समय अदालतें हमेशा संबंधित व्यक्ति से जुड़ी विशिष्टताओं और मौजूदा हालात को ध्यान में रखती हैं।
- केजरीवाल CM हैं: कोर्ट ने कहा कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मौजूदा मुख्यमंत्री हैं और देश की एक राष्ट्रीय पार्टी के नेता हैं। बेशक उन पर गंभीर आरोप हैं, लेकिन वो कभी दोषी नहीं पाए गए। वो समाज के लिए खतरा नहीं हैं।
- केजरीवाल की गिरफ्तारी पर फैसला बाकी:
कोर्ट ने कहा कि मौजूदा केस की जांच अगस्त 2022 से चल रही है। 21 मार्च 2024 को केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया। सबसे जरूरी बात कि केजरीवाल की गिरफ्तारी की वैधता को ही कोर्ट में चुनौती दी गई है, जिस पर अभी फैसला होना बाकी है। इसलिए अंतरिम जमानत दे दी गई।
झारखंड के पूर्व CM हेमंत सोरेन का मामला क्या है?
झारखंड के पूर्व CM हेमंत सोरेन पर PMLA एक्ट के तहत मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया गया है। दरअसल, झारखंड की राजधानी रांची में बजरा नाम की एक जगह है। यहां करीब 7.16 एकड़ जमीन के एक प्लॉट का मालिकाना हक भारतीय सेना के पास था। इस जमीन को स्थानीय लोगों ने गलत डॉक्यूमेंट्स के जरिए कई लोगों को बेच दिया। जब मामला रांची नगर निगम के पास पहुंचा तो निगम ने अवैध खरीद-फरोख्त के आरोप में अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज करवा दिया।
इसी केस को आधार बनाकर ED ने जांच शुरू कर दी। 14 अप्रैल को इस मामले में ED ने पहली बार 7 लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें प्रदीप बागची, अफसर अली, सद्दाम हुसैन के अलावा 4 और लोगों को गिरफ्तार किया गया था। करीब 23 दिन बाद रांची के पूर्व उपायुक्त निलंबित IAS अधिकारी छवि रंजन की गिरफ्तारी हुई। छवि
से पूछताछ के आधार पर 31 जुलाई को विष्णु अग्रवाल नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया गया।
इसके पास से मिले डॉक्यूमेंट्स में हेमंत सोरेन का नाम मिला। जांच में हेमंत सोरेन के बैंक खाते और चेक से जुड़ी जानकारी मिली। इसके बाद ED ने PMLA एक्ट की धारा 50 के तहत हेमंत सोरेन से पूछताछ के लिए उन्हें समन भेजा। 10 बार समन भेजे जाने के बावजूद हेमंत ED के सामने पेश नहीं हुए। इसके बाद समन भेजने के बावजूद पेश नहीं होने पर IPC की धारा 174 के तहत 31 जनवरी 2024 को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
क्या हेमंत सोरेन को केजरीवाल के आधार पर राहत मिलेगी?
- भूमि घोटाले में आरोपी झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने भी आम चुनावों में प्रचार के लिए अंतरिम जमानत मांगी थी। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने याचिका
- पर सुनवाई से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा- आप संशोधित याचिका दें, हम उस पर अगले हफ्ते सुनवाई करेंगे।
- 13 मई को सुप्रीम कोर्ट में हेमंत सोरेन के मामले में उनके वकील कपिल सिब्बल बहस कर सकते हैं। इस बात की संभावना है कि इस मामले पर सुनवाई करते समय सिब्बल केजरीवाल की जमानत को उदाहरण के तौर पर पेश करेंगे।
- एक्सपर्ट्स का मानना है कि लोकसभा चुनाव को आधार बनाकर सोरेन भी राहत मांग सकते हैं, लेकिन केजरीवाल के फैसले के अन्य आधार उनके फेवर में नहीं जाते।
- तेलंगाना के पूर्व CM के चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता का मामला क्या है?
- दिल्ली शराब घोटाले केस में ED ने गुरुग्राम से कारोबारी अमित अरोड़ा को 30 नवंबर, 2022 को गिरफ्तार किया था। ED के मुताबिक, अमित ने अपने बयान में के. कविता का नाम का लिया था। जांच एजेंसी ने दावा किया था कि कविता
- ने विजय नायर के माध्यम से दिल्ली में AAP सरकार के नेताओं को 100 करोड़ रुपए का भुगतान किया था। AAP ने इस पैसे का इस्तेमाल गोवा और पंजाब विधानसभा चुनाव में किया।
- दिल्ली शराब नीति केस से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में CBI ने गुरुवार (11 अप्रैल) को BRS नेता के. कविता को गिरफ्तार किया। कविता 26 मार्च से तिहाड़ जेल में बंद हैं। CBI कविता की रिमांड मांगने के लिए शुक्रवार (12 अप्रैल) को उन्हें अदालत में पेश करेगी।
- CBI ने कविता को IPC की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), धारा 477-ए (खातों में हेराफेरी) और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 7 (सरकारी कर्मचारियों को रिश्वत देने से संबंधित अपराध) के तहत गिरफ्तार किया है।
- के कविता से सह-आरोपी बुची बाबू के फोन से बरामद वॉट्सऐप चैट और एक जमीन सौदे से संबंधित दस्तावेजों के बारे में सवाल-जवाब किए गए थे। आरोप है कि जमीन सौदे के बाद आम
- आदमी पार्टी को 100 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया था।
- ED का आरोप है कि कविता शराब कारोबारियों के गुट ‘साउथ ग्रुप’ की प्रमुख सदस्य थीं। साउथ ग्रुप से जुड़े लोगों पर दिल्ली में शराब कारोबार के लाइसेंस के बदले AAP को 100 करोड़ रुपए रिश्वत देने का आरोप है।
- साउथ ग्रुप दक्षिण के राजनेताओं, कारोबारियों और नौकरशाहों का ग्रुप है। इसमें अरबिंदो फार्मा के प्रमोटर शरत रेड्डी, वाईएसआरसीपी के लोकसभा सांसद एम. श्रीनिवासुलु रेड्डी, उनके बेटे राघव मगुंटा और कविता शामिल थे। इस ग्रुप का प्रतिनिधित्व अरुण पिल्लई, अभिषेक बोइनपल्ली और बुचीबाबू ने किया था। तीनों ही शराब घोटाले में गिरफ्तार किए गए हैं।
- क्या कविता को केजरीवाल के आधार पर राहत मिलेगी?
- भारत राष्ट्र समिति (BRS) की नेता के कविता
- की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने
- प्रवर्तन निदेशालय यानी ED और CBI दोनों को नोटिस जारी किया है। दिल्ली हाईकोर्ट 24 मई को के कविता की जमानत अर्जी पर सुनवाई होगी। इस मामले में न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने जांच एजेंसियों को अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। यह संभव है कि कविता के मामले में भी वकील केजरीवाल से जुड़े केस का उदाहरण पेश करें।
- एक्सपर्ट्स का मानना है कि के. कविता न तो किसी राज्य की मुख्यमंत्री हैं और न किसी राष्ट्रीय पार्टी में उनके पास कोई अहम पद है। इसलिए केजरीवाल मामले को नजीर मानकर के. कविता को राहत मिलना बेहद मुश्किल है।
- सुप्रीम कोर्ट के वकील विराग गुप्ता के मुताबिक जमानत की अर्जी के निपटारे के विलंब की स्थिति में अंतरिम जमानत मिल सकती है, लेकिन जांच या चार्जशीट में देरी के आधार पर अंतरिम जमानत की वैधानिक परंपरा नहीं है। दूसरे लोग इस आधार पर अंतरिम जमानत की मांग कर सकते हैं, लेकिन अदालत से उन्हें राहत मिलने की
- उम्मीद कम है।
- क्या चुनाव प्रचार में शामिल होना मौलिक या संवैधानिक अधिकार है?
- सुप्रीम कोर्ट के वकील विराग गुप्ता के मुताबिक संविधान के भाग-3 में मौलिक अधिकारों का जिक्र है। 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी भारतीय नागरिकों को वोटर लिस्ट में नाम शामिल कराने का अधिकार है।
- 25 साल से ज्यादा के लोगों को जिनका नाम वोटर लिस्ट में है, उन्हें MLA/MP का चुनाव लड़ने का अधिकार है। 2 साल से ज्यादा सजायाफ्ता लोगों को चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं है। जेल में बंद दो साल से कम सजा वाले लोग चुनाव लड़ सकते हैं।
- जेल में बंद अंडरट्रायल कैदियों को वोट डालने का अधिकार नहीं है। चुनाव प्रचार में शामिल होना मौलिक या संवैधानिक अधिकार नहीं है।
- चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दिया जाना क्या समानता और कानून के लिहाज से सही है?
- जमानत याचिका के निपटारे में विलंब होने की स्थिति में अंतरिम जमानत का नियम बनाया गया है। ED के हलफनामे से साफ है कि चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत देना गलत है। सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों के अनुसार नेताओं को एक अलग खास वर्ग का दर्जा नहीं दिया जा सकता है।
- इस फैसले के बाद मानवीय आधार पर जरूरतमंद
- कैदी अंतरिम जमानत की अर्जियां डाल सकेंगे।
- अगर सामान्य लोगों को जीवन के अधिकार
- के तहत अंतरिम जमानत नहीं मिलती तो फिर
- नेताओं को अंतरिम जमानत के लिए VIP दर्जा
- देना समानता और कानून के शासन के खिलाफ
- होगा। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल के
- मामले को असाधारण माना है।
- अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी मामले में आगे क्या हो सकता है?
- सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को सिर्फ अंतरिम जमानत दी है। उन्हें 2 जून को सरेंडर करना होगा। इस दौरान केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई जारी रहेगी। जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा है कि एक हफ्ते में ऑर्युमेंट खत्म करके फैसला सुनाने की कोशिश करेंगे। अब सुप्रीम कोर्ट में तीन बातें हो सकती हैं- पहली, केजरीवाल की गिरफ्तारी को अवैध करार दे, दूसरी- केजरीवाल की गिरफ्तारी वैध साबित हो जाए या तीसरा- सुप्रीम कोर्ट मामले को निचली अदालत में भी भेज सकता है।