केन्द्रीय न्यूज डेस्क खबर सुप्रभात समाचार सेवा
बिहार सरकार में शामिल कांग्रेस के लिए अंदरूनी गुटबाजी नासूर बनती जा रही है। बिहार में सियासी जमीन खो चुकी कांग्रेस अब तक प्रदेश समिति की घोषणा नहीं कर सकी है। अखिलेश सिंह ने पिछले 11 दिसंबर को प्रदेश कांग्रेस के

अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया था, लेकिन तब से लेकर अब तक वह पार्टी के भीतर के कलेश को समाप्त नहीं कर पाए हैं। इससे पहले मदन मोहन झा भी प्रदेश समिति घोषणा नहीं कर पाए थे। कमोवेश यही स्थिति बिहार के अधिकांश जिलों में है। औरंगाबाद कांग्रेस जिला कमेटी का गठन अभी तक नहीं होने का जानकारी सूत्रों से प्राप्त हुई है।इस संबंध में जिला कांग्रेस के नेताओं से पुछे जाने पर अपना नाम नहीं छापने के शर्तों पर बताये की औरंगाबाद में भी पार्टी अंदरुनी कलह का शिकार है और इसी कारण अभी तक जिला कांग्रेस कमेटी का गठन नहीं हो सका है। अब सवाल यह उठता है कि जिह कांग्रेस नेताओं द्वारा आगामी लोकसभा चुनाव 20024 मे एक विकल्प के रूप में उभरने का दावा कर रही है लेकिन पार्टी अंतर्कलह का शिकार पुरे प्रदेश में बनी हुई है तो विकल्प बनने का दावा कहां तक सकार होगा इसके लिए आम लोगों में चर्चा ब्याप्त है जो स्वाभाविक है।