अम्बुज कुमार खबर सुप्रभात समाचार सेवा
बिहार सरकार के पूर्व मंत्री एवं राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ सुरेश पासवान ने कहा है कि बिहार विधानसभा में बिहार सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा जातीय गणना की रिपोर्ट सदन में पेस किया गया जिसमें जातीय
गणना के साथ साथ आर्थिक, समाजिक,शैक्षनिक एवं किन वर्गों में कितनी गरीबी है उसका आंकड़ा प्रस्तुत किया गया। जिसके आधार पर अनुसूचित जाति-जनजाति को आरक्षण की सीमा 17%से बढ़ाकर 22% करने की घोषणा की गई। इसके साथ ही पिछड़े अति /पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण की सीमा 28%से बढाकर 43% करने का एलान मुख्यमंत्री जी के द्वारा किया गया। एवं 10% सामान्य वर्ग को आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए आरक्षण जो 2019 में लागू किया गया था उसे बरकरार रखा गया। यानी बिहार में अब आरक्षण का दायरा 50% से बढ़ाकर 75% किया गया जो एक ऐतिहासिक कदम है। इसके अलावा सभी वर्गों के गरीबों के लिए आर्थिक स्थिति ठीक करने के लिए प्रति परिवार दो दो लाख रुपए का आर्थिक मदद बिहार सरकार के द्वारा दिया जाएगा। साथ ही आवास बनाने के लिए भूमिहीन परिवारों को जमीन खरीदने के लिए साठ हजार से बढ़कर एक लाख रुपए दिए जाएंगे तथा एक लाख बीस हजार रुपए आवास निर्माण हेतु मिलता रहेगा। डॉ पासवान ने इन सारी घोषणाओं के लिए बिहार सरकार के माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार एवं उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव सहित पुरे मंत्री परिषद के सदस्यों को बिहार के तेरह करोड़ जनता जनार्दन के तरफ से हृदय से बधाई एवं आभार व्यक्त किया है क्योंकि आपने खांटी बिहारी होने का परिचय देते हुए सबों के लिए बढ़ चढ़कर बहुत कुछ देने का काम किया है। यानी न्याय के साथ विकास के मूलमंत्र को बिहार के सर जमीं पर उतारने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। खासकर अनूसूचित जाति/जन जाति परिवार के तरफ से बिहार सरकार को सहृदय धन्यवाद है। खासकर बिहार के अनूसूचित जाति जन जाति समाज के लोगों को आबादी के हिसाब से शत् प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिए जाने का जोरदार स्वागत करते हैं। चूंकि यह संभव इसलिए हुआ कि आपने जातीय गणना कराकर जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी देकर साबित कर दिया।