औरंगाबाद खबर सुप्रभात समाचार सेवा
औरंगाबाद जिले में अधिकारियों का समीक्षा बैठक और बैठक में लिए गए निर्णय महज खानापूर्ति होते रहा है। इसी का नतीजा है कि 18 जुलाई (मंगलवार )2023 को औरंगाबाद समाहरणालय में तत्कालीन जिलाधिकारी सुहर्ष भगत के अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक तीन माह बीतने के बावजूद अभी तक लिए गए निर्णय का अमलीजामा नहीं पहनाया गया और सभी निर्णय धूल चाट रहा है। बता दें कि बैठक में सभी प्रखंड के पंचायत राज पदाधिकारी के अलावे डीडीसी अभ्येन्द्र मोहन सिंह, जिला पंचायती राज

पदाधिकारी मंजु प्रसाद सहित अन्य कर्मी मौजूद थे। बैठक में पंचायती राज विभाग द्वारा क्रियान्वित योजनाओं की समीक्षा की गई थी। जिसमें पंचायत सरकार भवन, मुख्यमंत्री सोलर लाइट योजना, मुख्यमंत्री पेयजल निश्चय योजना, सार्वजनिक कुओं का जिर्णोद्धार एवं सोख्ता का निर्माण, अपशिष्ट प्रसंस्करण काइकाई का निर्माण एवं अन्य विकासात्मक योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की गई थी। पंचायत सरकार भवन के लिए उपलब्ध जमीन सहित अन्य मामलों में कई निर्देश दिए गए थे।जिन जगहों पर भवन निर्माण कार्य पुरा हो गया है उसे हस्तांतरित करने और पंचायत सरकार भवन का संचालन नियमित रूप से करने का आदेश दिया गया था और पंचायत भवन से ही लोगों को ज़रुरी प्रमाण पत्रों को बनाने पर ज़ोर दिया गया था। इसके अलावे अधुरे सभी योजनाओं को एक सप्ताह के अंदर पूर्ण करने का निर्देश समीक्षा बैठक में दिया गया था। लेकिन एक सप्ताह के बदले तीन माह में भी निर्देश के आलोक में एक भी निर्देश और निर्णय लागू नहीं हुआ। इससे साफ जाहिर होता है कि समाहरणालय में जिलाधिकारी का समीक्षा बैठक महज खानापूर्ति होते रहा है और सरकार तथा जनता को ठगने का कार्य किया जा रहा है।