औरंगाबाद खबर सुप्रभात सामाचार सेवा
राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग के पूर्व सदस्य सह भाजपा की बिहार इकाई के प्रदेश प्रवक्ता योगेन्द्र पासवान ने कहा है कि पार्टी राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए जातीय सर्वेक्षण के आंकड़ों का अध्ययन कर रही है। इसके बाद ही पार्टी द्वारा अधिकारिक रुप से वक्तव्य दिया जाएगा। पार्टी द्वारा पटना के बापू सभागार में 5 अक्टूबर को आयोजित किए जाने वाले कैलाशपति मिश्र जन्म शताब्दी समारोह में भारी भागीदारी के लिए कार्यकर्ताओं को निमंत्रण देने मंगलवार को यहां आए श्री पासवान ने प्रेसवार्ता में कहा कि कैलाशपति मिश्र पार्टी में

दधीचि और भीष्म पितामह के रूप में जाने जाते रहे है। उनकी लीक से हटकर अपनी अलग तरह की विचारधारा थी। इसके बावजूद पार्टी की विचारधारा उनके लिए सर्वोपरि थी। यही वजह थी कि जब 1995 में बिहार में समता पार्टी से गठबंधन की बात होने से वे दुःखी होकर गुजरात चले गए थे लेकिन जब पार्टी ने गठबंधन का निर्णय कर लिया तो उन्होने निर्णय को स्वीकार कर लिया था। कहा कि कैलाशपति मिश्र भाजपा के नेता नही विचारधारा थे। वें 1944 से आरएसएस से जुड़े रहे है। 6 अप्रैल 1980 को भाजपा की स्थापना होने पर पार्टी के वें प्रथम बिहार प्रदेश अध्यक्ष बने थे। 1977 में वें कर्पूरी ठाकुर मंत्रीमंडल में वित्त मंत्री रहे। 2012 में उनके निधन के बाद भाजपानीत केंद्र सरकार ने उनके सम्मान में डाक टिकट भी जारी किया था। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार आज उनके भी विचारों पर चल रही है। उनके विचारों पर चलते हुए ही पार्टी उनकी जन्म शताब्दी समारोह मनाने जा रही है। समारोह में स्व. मिश्र से जुड़े कार्यकर्ताओं को भी सम्मानित किया जाएगा। समारोह में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा एवं अन्य राष्ट्रीय नेता भाग लेंगे। इसी समारोह में व्यापक भागीदारी के लिए कार्यकर्ताओं को निमंत्रण देने यहां आए है। उम्मीद है कि औरंगाबाद से भारी संख्या में कार्यकर्ता भाग लेंगे। प्रेसवार्ता में भाजपा के ओबरा विधानसभा क्षेत्र प्रभारी धर्मेंद्र शर्मा, पूर्व जिलाध्यक्ष पुरुषोत्तम सिंह एवं तीर्थनारायण वैश्य आदि भी मौजूद रहे।