पटना संवाद सूत्र खबर सुप्रभात समाचार सेवा
पटना के केदार भवन में केंद्रीय श्रमिक संगठन, बिहार और संयुक्त किसान मोर्चा, बिहार की संयुक्त राज्यस्तरीय बैठक आयोजित की गई। बैठक में अखिल भारतीय मजदूर किसान संयुक्त राष्ट्रीय सम्मेलन द्वारा घोषित 3 अक्टूबर और 26-27-28 नवंबर के राष्ट्रव्यापी कार्यक्रमों के क्रियान्वयन पर विस्तृत चर्चा की गई। 24 अगस्त को नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में संयुक्त किसान मोर्चा और केंद्रीय ट्रेड

यूनियनों के संयुक्त मंच द्वारा अखिल भारतीय मजदूर किसान संयुक्त राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया था। सम्मेलन में किसान और मजदूर संगठनों के साथ समन्वय में राष्ट्रव्यापी कार्रवाई के आह्वान की भी घोषणा की गई थी, जिसमें 2021 में लखीमपुर खीरी में किसानों के नरसंहार की याद में 3 अक्टूबर को “काला दिवस” के रूप में मनाया जाना, 26-27-28 नवंबर को सभी राज्य राज्यधानियों में राजभवन के सामने महापड़ाव का आयोजन, और दिसंबर-जनवरी में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करना शामिल है। बैठक में 3 अक्टूबर को ट्रेड यूनियनों और किसान संगठनों की संयुक्त करवाई में लखीमपुर खीरी किसान नरसंहार को चिन्हित करते हुए पूरे बिहार में काला दिवस मनाते हुए विरोध प्रदर्शन आयोजित करने का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही 26-27-28 नवंबर को पटना में राजभवन के सामने तीन दिवसीय किसान मजदूर महापड़ाव आयोजित करने का निर्णय लिया गया। इन कार्यक्रमों की क्रियान्वयन के लिए किसान संगठनों और ट्रेड यूनियनों की एक संयुक्त तैयारी समिति का गठन किया गया। केंद्रीय श्रमिक संगठन, बिहार और संयुक्त किसान मोर्चा, बिहार की अगली संयुक्त बैठक 18 सितंबर को केदार भवन में आयोजित की जायेगी। बैठक में ट्रेड यूनियनों से ऐटक के गजनफर नवाब और अजय कुमार, सिटू के गणेश शंकर सिंह और अनुपम कुमार, ऐक्टू के आरएन ठाकुर, एआईयूटीयूसी के सूर्यकर जितेंद्र, इफ्टू के सुरेश दास कनौजीय, और किसान संगठनों से अखिल भारतीय किसान महासभा के राजेंद्र पटेल, बिहार राज्य किसान सभा (जमाल रोड) के विनोद कुमार, बिहार राज्य किसान सभा (अजय भवन) के गोपाल शर्मा, अखिल भारतीय खेत मजदूर किसान सभा के नंद किशोर सिंह, जय किसान आंदोलन के ऋषि आनंद, जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय के उदयन राय, अखिल भारतीय किसान खेत मजदूर संगठन के मणिकांत पाठक, अखिल भारतीय किसान मजदूर संगठन के रामबृक्ष राम, क्रांतिकारी किसान यूनियन के मनोज कुमार, जल्ला किसान संघर्ष समिति के शंभू नाथ मेहता, बिहार किसान समिति के पुकार और ऑल इंडिया किसान फेडरेशन के जमीरुद्दीन और प्रमोद कुमार शामिल थे।