आलोक कुमार संपादक सह निदेशक खबर सुप्रभात समाचार सेवा
लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी में जुटी भाजपा एक साथ कई फार्मूला पर काम कर रही है। पार्टी में मौजूदा सांसदों के टिकट काटने से लेकर नए चेहरों को मौका देने तक का मंथन जारी है। सूत्रों के मुताबिक पार्टी आजादी के 100 वें साल तक संसद में युवा प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए काम कर रही है। चुनाव में भाजपा 150 नए प्रत्याशी उतार सकती है। इनमें 40 से 55 साल की उम्र के प्रत्याशियों की संख्या

ज्यादा होगी। भाजपा के एक महासचिव ने कहा कि पहली लोकसभा में 26 प्रतिशत सदस्यों की उम्र 40 से कम थी बाद में संसद में युवा प्रतिनिधित्व कम होता गया लोकसभा में तीन से 11 बार तक चुनाव जीतने वाले सांसदों की संख्या बढ़ती गई इसे देखते हुए पार्टी दो या इससे अधिक बार लोकसभा चुनाव जीत चुके नेताओं में से ज्यादातर को संगठन की जिम्मेदारी देने जा रही है। इसके अलावा अपवाद को छोड़कर किसी को राज्यसभा दो बार से ज्यादा नहीं भेजा जाएगा 80% ऐसे लोगों को मौका मिलेगा जो कानून, चिकित्सा, विज्ञान, कला, आर्थिक मामले तकनीकी पर्यावरण और भाषा के जानकार हो 10 सीट पर चुनाव हुए तो दो ही ऐसे प्रत्याशी होंगे जो जातीय समीकरण या संगठन में योगदान के लिहाज से महत्वपूर्ण होंगे देश में 65% से ज्यादा युवा है ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनका प्रतिनिधित्व बढ़ाना चाहते हैं। अगर एक शख्स को लगातार लोकसभा का टिकट मिलता है तो उसके साथी कार्यकर्ता चुनावी राजनीति से बाहर हो जाते हैं। इसलिए कुछ खास मौको को छोड़कर किसी एक कार्यकर्ता को दो-तीन बार से ज्यादा लोकसभा का प्रतिनिधित्व करने का मौका नहीं दिया जाएगा। इससे नए लोगों को मौका मिलेगा लोकसभा में भाजपा के 135 सदस्य पहली बार और 97 दूसरी बार चुनाव जीते हैं। दूसरी ओर मेनका गांधी और संतोष गंगवार लगातार 8 वीं बार और डॉक्टर वीरेंद्र कुमार 7 वीं बार लोकसभा में है। इसके अलावा 8 सांसद 6 बार 11 सांसद 5वीं बार 19 सांसद 4 बार और 28 सांसद 3 बार जीते हैं मौजूदा लोकसभा में सांसदों की औसत आयु 54 साल है भाजपा के 25 से 55 साल के सांसदों का प्रतिनिधित्व 30% है भाजपा 56 से 70 वर्ष के ज्यादातर सांसदों की जगह 41 से 45 वायु वर्ग वालों को लड़ने की तैयारी कर रही है 25 से 40 आयु वर्ग वाले को दोबारा टिकट दिया जाएगा ऐसे में 150 नए चेहरे को चुनाव में उतरना होगा।