औरंगाबाद खबर सुप्रभात समाचार सेवा
औरंगाबाद जिले में हत्या व सरकारी संपदा का लूट के आरोपितों को पुलिस पकड़ने में कोताही बरत रही है। हला की 7 जूलाई को पुलिस अधीक्षक स्वप्ना जी मेश्राम के अध्यक्षता में जिला मुख्यालय स्थित योजना भवन के सभागार में मासिक अपराध बैठक आयोजित किया गया जिसमें सभी थानाध्यक्षों, अंचल पुलिस निरीक्षक, एसडीपीओ, डी एसपी स्तर के पुलिस पदाधिकारी मौजूद थे। बैठक में सभी पुलिस पदाधिकारियों तथा थानाध्यक्षों को
निर्देश दिया गया था कि जिले में अवैध बालू चोरी, शराब संबंधित छापेमारी, कांडों का स समय अनुसंधान और निष्पादन किया जाए। लेकिन बैठक में दिए गए निर्देश का अनुपालन स्थानीय स्तर पर थानाध्यक्षों द्वारा नहीं हो पा रहा है। आखिर थानाध्यक्ष के साथ क्या मजबूरी अथवा लचारी है यह तो थानाध्यक्ष ही बता सकते हैं। वैसे जानकारी के अनुसार जिले में सरकारी संपदा (बालू) का लूट एवं हत्या जैसे जघन्य अपराध का आरोपी महिनों बीत जाने के बावजूद पुलिस के पकड़ से बाहर है तथा अनुसंधान के नाम पर पुलिस आरोपितों को खुलेआम घूमने के लिए छुट दे रही है। अब सवाल यह उठ रहा है कि जो लोग सक्षम और उच्च पहुंच रखने वाले आरोपी नहीं है उनके विरुद्ध तो अनुसंधान जल्द पूरा कर लिया जाता है और गिरफ्तारी तथा वारंट और कुर्की का प्रक्रिया कर लिया जाता है लेकिन जो सक्षम और उच्च पहुंच वाले आरोपी हैं उनके मामले में अनुसंधान मंद गति से होता है और अनुसंधान के नाम पर आरोपितों को खुलेआम घूमने तथा पैरवी करने का अवसर मिलते रहता है। स्थानीय पुलिस तथा थानाध्यक्षों के द्वारा इस तरह का दोहरा मापदंड से आम लोगों में आखिर पुलिस के प्रति भरोसा कैसे होगा यह आम नागरिकों को समझ से बाहर का विषय बना हुआ है तथा पुलिस अधीक्षक द्वारा बुलाए जाने वाले मासिक अपराध बैठक तथा बैठक में दिए गए निर्देश के प्रति लोगों में कितना भरोसा और विश्वास रह जाएगा यह अंदाजा लगाया जा सकता है।