औरंगाबाद खबर सुप्रभात
रविवार जो हर नवाज अदा कर मुस्लिम समाज के नमाज़ियो ने एक साथ हजारों हाथ उठाये आपसी देश में खुशहाली और भाईचारा के लिए दुआ मांगी। जुम्मे की नमाज में पैगाम ए इंसानियत के अध्यक्ष मो. शाहनवाज रहमान उर्फ सल्लू खान, तलहा इमरोज खान, इमाम गुलाम रसूल क़ादरी, उप इमाम सलीम अख्तर, मौजीम मोहम्मद शोएब, समाजसेवी मो. सैय्यद असलम उर्फ़ चुनना, सेकेरर्टरी मो. सोनू, सदर टिक्का खान, मो. ग्यासुद्दीन अंसारी, मो. सर्फरज़् ने कहा कि कुर्बानी करना वाजिब है। पैगाम ए इंसानियत के अध्यक्ष सल्लू खान ने अपील की कि भावनाओं को ठेस न पहुंचाएं। मस्जिद के इमाम गुलाम रसूल ने कहा कि बकरीद मुस्लिम समाज का अहम पर्व है जो याद दिलाता है कि अल्लाह कि

खातिर हर तरह की कुर्बानी के लिए तैयार रहना चाहिए। कहा कि हम सभी को सोशल मीडिया पर नजर रखने की आवश्यकता है। कहा कि सोशल मीडिया के वजह से किसी भी समुदाय के लोगों को ठेस न पहुंचाएं। असामाजिक तत्व के लोगों पर पैनी नजर बनाए रखने का हम सभी का कर्तव्य है। इस्लाम धर्म बकरीद का तहवार खास महत्व है ऐसे कुर्बानी के नाम से जानते है बकरीद तिन दिन की पर्व बनाई जाति हैं इस वर्ष 29,30 जून और 1 जुलाई तक बनाई जाएगी। सल्लू खान और इमाम गुलाम रसूल क़ादरी ने कहा कि मुस्लिम समाज कोई ऐसा काम न करें जिससे पूरे मुस्लिम समाज को शर्मिंदगी उठानी पड़े। कुर्बानी सड़कों पर और खुले में न करें, प्रतिबंधित जानवर की कुर्बानी न करें जिससे किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे और देश में सद्भाव कायम रह सके। सोशल मीडिया के जरिए आने वाली अफवाहों पर ध्यान न दें। बकरीद के दिन कुर्बानी के बाद जमा होने बाले खून को एक जगह गड्ढा कर डाल दें और बचे हुए अवशेषों का सही ढंग से निस्तारण करें, ताकि आस पास के छेत्र में गंदगी और बदबू न फैले, किसी प्रकार की अप्रिय घटना घटने पर उसकी सूचना तुरंत नज़दीकी पुलिस को दें। सल्लू खान और इमाम ने अपील किया कि समाज के बड़े बुज़ुर्ग नौजवानों पर नज़र रखें कि कही कोई नौजवान गलती से किसी भी गलत कार्यो में न शामिल होने पाए। कहा गया कि किसी भी तरह की परेशानी में आप पुलिस अधीक्षक, डीएम सहित का सहयोग ले सकते हैं। कहा कि दोनों समुदाय के बीच सद्भाव बनाए रखने हेतु पैगाम ए इंसानियत के सदस्यों के द्वारा भी विशेष रुप से ध्यान रखा जा रहा है। दोनों समुदाय के लोगों का सहयोग हर साल मिलता है। इस साल भी मिलने की उम्मीद है। शहर के सभी मस्जिद की इमाम से आग्रह है कि आप अपने स्तर से सभी मस्जिद के इमाम से इस बात का अपील करा दिया जाए। कहा कि अफवाह से बचे और किसी तरह की परेशानी में पुलिस की मदद ले। किसी भी हालत में कानून न तोड़े। शेख मुजम्मिल, मो. अशरफ, मो. इनायत, मो. यासीन सहित उपस्थित रहे।