अम्बा (औरंगाबाद) खबर सुप्रभात समाचार सेवा
औरंगाबाद जिले के दक्षिणी क्षेत्र इस बर्ष समय पर बारिश नहीं होने के कारण सुखाड़ के मार झेलने को बेवस और लचार हैं। दक्षिणी क्षेत्र में आलम यह है कि बारिश नहीं होने के कारण किसानों के खेत में धान का बुआई नहीं हो सका और रबी फसल का भी उत्पादन नहीं हो सका। किसान अपने छती पूर्ती के लिए गर्मा फसल जैसे मक्का,मुंग आदि
का खेती करने में लग गए थे। लेकिन सिंचाई के अभाव में जहां मुंग का फसल भी मारा गया वहीं नकली बीज होने के कारण मक्का के बाल में दाना नहीं भरा सका।इस संबंध में कुटुम्बा प्रखंड के परता निवासी किसान धनंजय पाण्डेय ने अपने खेतों में मिडिया को मक्का का बाल दिखाते हुए कहा कि हमें काफी नुकसान हुआ है। पुछे जाने पर उन्होंने कहा कि मक्का के फसल को बोरिंग से समय पर सिंचाई भी
किया ,खाद और किटनाशक दवा का छिड़काव भी किया। फलस्वरूप मक्का का पौधा में बाल तो लगा लेकिन बाल में दाना नहीं भरा सका। पुछे जाने पर उन्होंने बताया कि सरकार को जांच कराना चाहिए कि आखिर किस वजह से बाल में दाना नहीं भरा सका। उन्होंने आगे बताया कि इस इलाके में किसानों को दोहरे मार झेलना पड़ रहा है। इसी गांव के निवासी एवं किसान सोना पांडेय ने खेतों में लगे मूंग के फसल दिखाते हुए बताया कि इस वर्ष समय पर बारिश नहीं होने के कारण धान का खेती तो नहीं हुआ था लेकिन छती पूर्ती के उद्देश्य से मूंग का खेती किया था और उम्मीद था कि सरकार, जनप्रतिनिधियों के प्रयास से समय पर सिंचाई का वैकल्पिक व्यवस्था कर दिया जाएगा लेकिन ब्यवस्था तो दुर सुधी लेने वाला भी कोई नहीं रहा। फलस्वरूप मूंग का फसल सिंचाई के अभाव में खेत में ही मरा गया और दोहरे आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों को अपना जेब और पेट भरने से फुर्सत नहीं है इसलिए सुधी भी नहीं ले पाते हैं।