आलोक कुमार संपादक सह निदेशक खबर सुप्रभात
सूरत के एक लोअर अदालत से राहुल गांधी को दो साल के सजा सुनाए जाने और आनन फानन में लोकसभा सचिवालय से संसद के सदस्यता रद्द करने और लोकसभा के हाउस कमेटी द्वारा राहुल गांधी को 22अप्रैल तक सरकारी

बंगला 12तुगलक लेन खाली करने का निर्देश जारी होने के बाद देश में राजनैतिक भूचाल और तेज हो गई है तथा हर रोज विपक्षी एकता मजबूत होते दिखाई दे रहा है। 27मार्च को जहां 18विपक्षी दलों ने एक साथ संसद परिसर में गांधी स्मारक के समक्ष काला बिल्ला लगाकर प्रदर्शन किया और इस प्रदर्शन में टीएमसी भी शामिल हुई और फिर कांग्रेस

अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे के चैम्बर में सभी 18 विपक्षी दलों के सदस्यों ने संयुक्त बैठक की उससे साफ जाहिर होता है कि विपक्ष अब एक साथ विना सर्त गोले बंद होने लगा है। हला की भाजपा के सांसदों ने भी संसद परिसर में OBC का अपमान का मुद्दा बनाकर संसद परिसर में गांधी स्मारक के सामने हाथों में तख्तियां लिए प्रदर्शन किया।इसी बीच

लोकसभा हाउसिंग कमेटी द्वारा राहुल गांधी को सरकारी बंगला 12तुगलक लेन खाली करने का आदेश जारी किया। राहुल गांधी द्वारा सरकारी बंगला 12तुगलक रोड़ खाली करने का आदेश को स्वीकार कर लिया गया तथा 22अप्रैल तक बंगाल खाली करने का बात कहा गया है। लेकिन अब सवाल यह उठता है कि लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, सुब्रमण्यम स्वामी, गुलामनबी आजाद भी संसद के किसी भी सदन का सदस्य नहीं हैं तो क्या इन लोगों का सरकारी बंगला खाली कराया जायेगा यह भी एक सवाल उठना लाजिमी है। बता दें कि लालकृष्ण आडवाणी को भी z+सुरक्षा प्राप्त है और राहुल गांधी को भी z+सुरक्षा प्राप्त है। सोमवार तक विपक्ष एकजुट होकर काला बिल्ला लगाकर जहां प्रदर्शन किया और फिर कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे के चैम्बर में बैठक हुई और अब कयास लगाया जा रहा है कि क्या 200 विपक्षी सांसद एक साथ कहीं राष्ट्रपति को संसद के सदस्यता से इस्तीफा भी दे सकते हैं और जिस तरह से 1989में बोफोर्स मामले को लेकर 106विपक्षी सांसदों ने एकसाथ सामुहिक इस्तीफा प्रधानमंत्री को सौंपा था तो दूसरी बार फिर उस इतिहास को दोहराया जाएगा? यदि एक साथ सभी 200 विपक्षी सदस्यों द्वारा सामूहिक इस्तीफा राष्ट्रपति को सौंप देंगे तो सरकार कार्यकाल पूरा नहीं कर पायेगा और 2024के पूर्व चुनाव करना पड़ जाएगा। कांग्रेस सूत्रों को माने तो सोमवार को विपक्ष द्वारा लोकसभा में स्पीकर के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव भी लाया जा सकता है। राहुल गांधी को जल्द बाजी में सदस्यता रद्द करने संबंधी माले को लेकर अविश्वास प्रस्ताव लाने का सम्पूर्ण विपक्ष तैयारी कर रहा है।