आलोक कुमार, केन्द्रीय न्यूज डेस्क खबर सुप्रभात
औरंगाबाद जिले के गोह थाना क्षेत्र के विभिन्न जगहों पर भाकपा (माओवादी) नक्सली संगठन द्वारा पर्चा साटकर औरंगाबाद सांसद सुशील कुमार सिंह व पूर्व विधायक डा०रणविजय सिंह को क्षेत्र भ्रमण पर रोक लगाने नहीं तो पिसाय के सुशील पांडेय के तरह उड़ानें का धमकी कोई

असमाजिक तत्वों अथवा निम्न स्तरीय राजनैतिक षड्यंत्र तो सोची समझी रणनीति के तहत नहीं है , इसका खुलासा उच्चस्तरीय जांच से ही संभव हो सकता है। हला की गोह थानाध्यक्ष ने भी पुछे जाने पर उड़ती हवा का खबर बताये हैं। उल्लेखनीय है कि जिस लेटर पैड पर धमकी लिख कर दिवाल पर साटने का चर्चा है उस पर गौर करने की जरूरत है कि पहला पारा जो काले रंग का स्याही से लिखा गया है उसमें ब्रैकेट में (MCC)लिखा हुआ है जबकि लेटर पैड का हेडिंग “भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी)लिखा हुआ है। इससे साफ जाहिर होता है कि लिखने वाला जो भी हो उसे असमाजिक तत्व एवं अनाड़ी ही कहा जा सकता है। यदि अनाड़ी अथवा असमाजिक तत्व नहीं कहा जायेगा तो फिर एक ओछे व घटिया राजनैतिक षड्यंत्र कहा जायेगा। स्थिति चाहे जो भी हो इसकी जांच उच्चस्तरीय होना चाहिए। दुसरा पहलू यह है कि एक तरफ सरकार और जिला प्रशासन का दावा नक्सल मुक्त होने का है और यदि सरकार और जिला प्रशासन का दावा पर विश्वास और भरोसा किया जाए तो फिर इस तरह का धमकी भरे पर्चा लगना सचमुच में उच्चस्तरीय जांच का विषय बनता है।