अम्बुज कुमार खबर सुप्रभात
हसपुरा प्रखण्ड मुख्यालय स्थित कुशल युवा कार्यक्रम हसपुरा के सभागार में वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. अलखदेव प्रसाद’अचल’ की तीन पुस्तकों बिखरे सपने(कहानी संग्रह), मोहरे नहीं बनेंगे (हिन्दी उपन्यास), क्रांति (मगही उपन्यास) का लोकार्पण किया गया। पुस्तकों का लोकार्पण मुख्य वक्ता वरिष्ठ कवि व समीक्षक डॉ कर्मानन्द आर्य, बिहार राज्य पिछड़ा वर्ग के सदस्य बीरेंद्र कुशवाहा,एस डी पी ओ ऋषिराज, वरिष्ठ कथाकार बिपिन बिहारी , कवि धनंजय श्रोत्रिय ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अध्यक्ष मंडल सदस्य रंगकर्मी आफताब राणा, प्रो. अलखदेव प्रसाद’अचल’और पवन तनय ने की। जबकि संचालन साहित्यकार शंभू शरण सत्यार्थी ने किया।
मुख्य वक्ता डॉ. कर्मानन्द आर्य ने कहा कि लेखक की अपनी दुनिया होती है, जिसमें कल्पना और यथार्थ दोनों होते हैं। लेखक कभी समाज को तोड़ना नहीं चाहता, बल्कि जोड़ना चाहता है।। लेखक हमेशा प्रतिरोध रचता है। आज का लेखक वर्ग अपने सामाज की संवेदनाओं को बखूबी उकेरता है। अचल जी की लेखनी में बेवाकी दिखती है।सच कहने में वे किसी चीज की परवाह नहीं करते हैं। बीरेंद्र कुशवाहा ने कहा कि देश की आजादी में भी लेखकों और पत्रकारों की भूमिका सराहनीय रही थी। अचल जी की रचनाएं प्रगतिशील सोंच रचनाएं हैं। एस डी पी ओ ऋषिराज ने कहा कि अचल जी की रचनाओं में जन जीवन का यथार्थ वर्णन मिलता है, जो

पाठकीय है।
सर्वश्री कथाकार बिपिन बिहारी, बंगाली सिंह, राजेश कुमार विचारक,अजय यादव, अंबुज कुमार, समुन्दर सिंह, कुलदीप चौधरी,मणिकांत मणि,संजय तेजस्वी ने भी अचल जी की पुस्तकों पर विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम को सफल बनाने में शाहवाज मिन्हाज, आदित्य कुमार और मंटु कुमार की भूमिका सराहनीय रही। धन्यवाद ज्ञापन अजय यादव ने किया।