आलोक कुमार , केन्द्रीय न्यूज डेस्क खबर सुप्रभात
औरंगाबाद में 18 अगस्त को नियमित रूप से होने वाले मासीक अपराध गोष्ठी का आयोजन पुलिस अधीक्षक श्री कांतेश कुमार मिश्र के अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में

जिले के सभी थानाध्यक्षों , सर्किल इंस्पेक्टर , एसडीपीओ , डीएसपी उपस्थित थे। संगोष्ठी में अपराध नियंत्रण करने , जिले में अबैध बालू उत्खनन , शराब कारोबारियों पर अंकुश लगाने , भिन्न भिन्न कांडो के वांछित अभियुक्तों को शिघ्र गिरफ्तारी शुनिश्चित करने , गुड पुलिसिंग पर विशेष चर्चा होने का जानकारी मिली है। अच्छा प्रदर्शन करने वाले पुलिस अधिकारियों को पुरस्कृत करने एवं खराब प्रदर्शन करने वाले पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने का भी चर्चा संगोष्ठी में किया गया। लेकिन इस तरह का रुटीन वर्क अपराध संगोष्ठी का आयोजन होते रहता है लेकिन नतीजा सिफर हुआ करता है। आखिर जिले में एक पुलिस कप्तान आदेश और दिशा निर्देश देने के अलावे और कर ही क्या सकते है जहां उनके अधिनस्थ पुलिस अधिकारियों का लपरवाही या फिर इच्छा शक्ति का कमी हो या फिर कहें कि वे अपने कर्तव्यों से भटक चुके हों तो एक पुलिस अधीक्षक के अध्यक्षता में अपराध संगोष्ठी का नतीजा सिफर होते रहेगा और खानापूर्ति साबित होते रहेगा। आज आलम यह है कि जिले में अबैध रुप से बालू का उत्खनन और चोरी , शराब कारोबारियों का धंधा रुकने का नाम नहीं ले रहा है , कई संगीन अपराध के वांछित अभियुक्तों को पकड़ने में पुलिस असफल साबित हो रही है तथा अभियुक्त खुलेआम घूम रहा है और पुलिस तथा कानून को चुनौती दे रहा है। वैसे में यदि कहा जाए तो जिले में होने वाले नियमित अपराध संगोष्ठी महज खानापूर्ति साबित हो रहा है तथा संगोष्ठी के नाम पर पुलिस विभाग का पैसा का चुना लग रहा है तो कोई गलत नहीं होगा।