आलोक कुमार, केन्द्रीय न्यूज डेस्क, खबर सुप्रभात
उग्रवाद प्रभावित राज्यों को केन्द्र सरकार प्रतिवर्ष विकास के लिए विशेष पैकेज के रुप में करोड़ों रुपए दे रही है विशेष पैकेज बिहार को भी मिल रहा है और औरंगाबाद जिले में भी विशेष पैकेज भेजा जा रहा है। बता दें कि औरंगाबाद जिला के मदनपुर प्रखंड शुरू से ही अति उग्रवाद प्रभावित प्रखंड रहा है और आज भी यहां भाकपा माओवादी का खौफ आम लोगों के चेहरों पर देखने और समझने के लिए मिल रहा है। भाकपा माओवादी जैसे प्रतिबंधित नक्सली संगठन का समूल नष्ट करने और आम लोगों को विकास के मुख्य धारा में जोड़ने के उद्देश्य से औरंगाबाद जिला को भी प्रतिवर्ष केन्द्र सरकार द्वारा विशेष केन्द्रीय सहायता फंड (पैकेज) करोड़ों रुपए मिला करता है। लेकिन सरे जमीन पर विकास का बुनियादी विकास भी देखने को आज भी नहीं मिल रहा है। यह कोई बकवास अथवा झुठा आरोप नहीं बल्कि कटु सत्य है। मदनपुर के दक्षिण भाग जो घने जंगलों और पहाड़ों के बीच बसे गांवों में अभी भी शिक्षा , चिकित्सा , सिंचाई , सड़क जोकि विकास का बुनियादी ढांचा है वह सब नदारत है। आखिर केन्द्र सरकार

द्वारा प्रतिवर्ष दिये जाने वाले विशेष केन्द्रीय पैकेज का राशि कहां जा रहा है और उस राशि से आखिर विकास किसका हो रहा है आज एक अबुझ पहेली तथा यक्ष प्रश्न बनते जा रहा है। 27 जुन ( सोमवार) को खबर सुप्रभात का टीम मदनपुर प्रखंड के दक्षिण इलाका के ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा कर विकास का सच्च का अवलोकन करने और आम नागरिक, सरकार एवं प्रशासन तक अपने चैनल के माध्यम से बताने का प्रयास के तहत लालटेन गंज , वकील गंज , गुलाब बिगहा , भगवानपुर , मनवा दोहर आदी गांवों का जायेजा लिया। ग्रामीणों का आरोप है कि न शिक्षा, न चिकित्सा, सिंचाई और नहीं सड़क का निर्माण कराया गया है। इन इलाकों से लड़के और लड़कियां 09 से 10 किलोमीटर दूर मदनपुर प्रखंड मुख्यालय गर्मी, जाड़ा और बरसात में पढ़ने जाती है लेकिन इसकी चिंता नहीं सरकार को और नहीं प्रशासन को है , जनप्रतिनिधियों के संबंध में ग्रामीण बताते हैं कि चुनाव के समय केवल वोट मांगने आते हैं और जितने के बाद दर्शन भी दुर्लभ हो जाता है। डरे और सहमे हुए इशारों में बताते हैं कि इन क्षेत्रों में अबैध शराब कारोबारियों का धंधा फल फूल रहा है और शराबियों से लोग परेशान हैं। अब सवाल यह उठता है कि आखिर मिलने वाले विशेष केन्द्रीय पैकेज आखिर कहां जा रहा है और किसका विकास हो रहा है यह सवाल निश्चित रूप से एक अबुझ पहेली तथा यक्ष प्रश्न आम लोगों के बीच बना हुआ है।