नई दिल्ली से हिमांशु शर्मा का रिपोर्ट
एकीकृत दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के अस्तित्व में आने की मियाद आखिरकार तय हो गई है। करीब 10 वर्ष बाद रविवार यानि 22 मई से एमसीडी का उदय हो जाएगा। यह वर्ष 2012 की स्थिति में फिर से आ जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है, इसमें तीनों निगम (उत्तरी, पूर्वी और दक्षिणी) को एक करने वाले दिल्ली नगर निगम संशोधन अधिनियम 2022 को प्रभावी करने की तिथि 22 मई निर्धारित की गई है। इसके साथ ही दिल्ली के तीनों महापौर व सभी पार्षद पूर्व हो जाएंगे। जबकि एकीकृत निगम का संचालन विशेष अधिकारी और निगमायुक्त के हाथ चला जाएगा। हालांकि, इन दोनों पदों पर अभी किसी की नियुक्ति नहीं की गई है। संभवत: 22 मई से पहले इनके नामों की भी घोषणा हो जाएगी।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली के उत्तरी निगम का कार्यकाल 17 मई तक और दक्षिणी का 18 मई तक था तो पूर्वी निगम का कार्यकाल 21 मई को खत्म हो रहा है। तीनों निगमों को बिना भंग किए और कार्यकाल पूरा होने के बाद एकीकृत निगम प्रभावी हो जाएगा। इसके लिए इसी वर्ष मार्च माह में बजट सत्र में केंद्र सरकार ने दिल्ली नगर निगम कानून-1957 में संसद के दोनों सदनों से संशोधन किया था। राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने 18 अप्रैल को इसे मंजूरी भी दे दी थी। अब केंद्रीय गृह मंत्रालय की अधिसूचना से यह प्रभावी हो जाएगा।
दिल्ली के तीनों नगर निगम खराब आर्थिक हालातों से जूझ रहे हैं। वर्ष 2012 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने सियासी लाभ के लिए एमसीडी को तीन भागों में बांटा था। इसकी वजह से निगमों के खर्चे तो बढ़ ही गए थे। वहीं, तीनों के राजस्व के साधन अलग-अलग होने की वजह से कर्मचारियों को वेतन और पेंशन संबंधी समस्याओं का भी सामना करना पड़ रहा था। जिसे देखते हुए दिल्ली के तीनों नगर निगम के महापौर की मांग पर केंद्र सरकार ने तीनों निगमों को फिर से एक करने का फैसला लिया। दिल्ली के तीनों निगमों दक्षिणी निगम राजस्व की दृष्टि काफी मजबूत था। जबकि उत्तरी और पूर्वी निगम को काफी दिक्कते हो रही थीं।
9 मार्च को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उपराज्यपाल को पत्र लिखकर तीनों निगमों को एक करने की जानकारी दी। इससे अप्रैल में होने वाले संभावित चुनावों को टाल दिया गया। 30 मार्च को दिल्ली नगर निगम को एक करने वाला विधेयक लोकसभा से पारित कर दिया गया 5 अप्रैल को इस विधेयक को राज्यसभा ने भी पारित कर दिया था 18 अप्रैल को संसद द्वारा पारित विधेयक को मंजूरी दे दी 18 मई को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने फिर कानून को 22 मई से प्रभावी करने की अधिसूचना जारी कर दी।