औरंगाबाद खबर सुप्रभात समाचार सेवा
औरंगाबाद जिले में आरटीआई कानून का अधिकारियों द्वारा खुलेआम धज्जियां उड़ने का खबर प्राप्त होते रहता है। जिसका मूल वजह जिला में जड़ जमा चुके भ्रष्टाचार और अनियमितता के साथ साथ बड़े पैमाने पर अधिकारियों द्वारा किए जा रहे मनमानी पर पर्दा डालना है। जिला में अन्य
विभागों तथा अधिकारियों द्वारा आरटीआई कानून का धज्जी उड़ाया जाना तो आम बात हो गई है लेकिन जब जिलाधिकारी द्वारा भी आरटीआई कानून का नजर अंदाज किया जाए तो निश्चित रूप से यह एक गंभीर मामला है। उल्लेखनीय है कि औरंगाबाद जिलाधिकारी से 21फरवरी 2021को आलोक कुमार द्वारा मांगा गया था। मांगे गए सूचना के आलोक में लोक सूचना पदाधिकारी सह प्रभारी पदाधिकारी जिला गोपनीय शाखा के ज्ञापांक 2294दिनांक 21.3.2023 को लोक सूचना पदाधिकारी सह जिला सूचना जनसंपर्क पदाधिकारी को सूचना उपलब्ध कराने के लिए आदेशित किया गया है और प्रयाप्त सूचना तय समय सीमा 30दिन के अंदर सूचना उपलब्ध न कराते हुए जिला सूचना जनसंपर्क पदाधिकारी को दिए गए आदेश पत्र का एक प्रती दिनांक 28.3.2023को भारतीय डाक द्वारा आलोक कुमार को उपलब्ध कराया गया है जिससे साफ जाहिर होता है कि जिलाधिकारी द्वारा भी आरटीआई कानून का धज्जी उड़ाया जा रहा है और तय समयावधि के अंदर सूचना उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है जो एक गंभीर मामला है और जिलाधिकारी का मनमानी एवं लपरवाही का ज्वलंत उदाहरण का एक और पक्ष प्रकाश में आया है।