आलोक कुमार, केन्द्रीय न्यूज डेस्क खबर सुप्रभात
केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में आम बजट पेश की है। इधर बजट को लेकर राजनीतिक दलों की प्रतिक्रया सामने आने लगी है। बिहार की सत्ताधारी महागठबंधन ने इस बजट को पूरी तरह से निराशाजनक करार दिया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे इस बार अभी तक बजट देखे ही नहीं हैं। हालांकि वे अपने साथ खड़े बिहार के वित्त मंत्री विजय चौधरी से पूछा कि आपने बजट देखा है क्या। क्या आपने जो अपेक्षा की थी वैसा बजट है क्या। इसपर वित्त मंत्री विजय चौधऱी ने जवाब दिया कि अभी तक जो आया है उसमें बिहार के लोगों की अपेक्षा या सरकार जो चाहती है, उसमें से एक भी चीज नहीं कहा है। इस पर मुख्यमंत्री ने हंसते हुए कहा कि यह सुन रहे होंगे। वहीं जदयू सांसद व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ़ ललन सिंह ने आम बजट को निराशाजनक बताया हैं। संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि बजट 2023 में कुछ भी नहीं है। यह ‘सपनों का सौदागर’ जैसा है। जब आप सपने के बाद जागते हैं तो कुछ भी सच नहीं होता है। उन्होंने कहा कि साथ ही महंगाई और बेरोजगारी पर कैसे काबू पाया जाए, इस बारे में भी बजट में कुछ नहीं बताया गया है। डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने
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कहा कि 2014 में केंद्र की भाजपा सरकार ने कहा कि:- 2022 में किसानों की आय दुगुनी करेंगे। 2022 में सबको आवास देंगे। 2022 तक 80 करोड़ लोगों को नौकरी-रोजगार देंगे। अब 2023 भी आ गया लेकिन इनकी जुमलेबाजी की आदत नहीं गयी। BJP को 100% सांसद देने वाले बिहार को भाजपाइयों ने बजट में फिर ठगा। वहीं राजद सांसद मनोज झा ने भी बजट को निराशाजनक बताया। उन्होंने कहा कि मैंने वित्त मंत्री को कई बार कहा है कि जब भी बजट बनाए तो अनुच्छेद 39 को देख लें। संविधान से आंखें मूंद कर स्तुति गान वाला बजट बनाते हैं तो कुछ हासिल नहीं होगा। रोजगार के लिए आपने गोल-गोल बातें की। ये बजट खास लोगों का खास लोगों द्वारा खास तरह से बनाया बजट है।