केन्द्रीय न्यूज डेस्क खबर सुप्रभात सामाचार सेवा
लोकतंत्र की मुखर आवाज के घनी एवं निर्भिक तथा निष्पक्ष पत्रकार आलोक कुमार की बिते रात की गयी पुलिस द्वारा गिरफ्तारी मिड़िया की आबाज को गला घोंट कर दबानें का कुकृत्य है। यह कहना है ‘ हम ‘ पार्टी के प्रदेश सचिव रीना सिंह का । उन्होनें आगे कहा कि आलोक कुमार स्थानीय चैनल खबर सुप्रभात के सम्पादक एवं निदेशक तो थें ही, दलितों, पिड़ीतों, भष्टाचार के खिलाफ अपनी खबर के

माध्यम से बराबर आबाज उठाते रहते थे। सत्य कहना, लिखना ही पत्रकार आलोक कुमार जो प्रशासन एवं पुलिस के लिए किरकिरी बनें । आलोक जी के परिजनों के अनुसार मंगल बार की रात्री 0 3:00 बजे ( भोर में ) गया जिले के बाँके बाजार की पुलिस टीम के द्वारा अम्बा थाना क्षेत्र के ग्राम परता स्थित आलोक कुमार के घर को चारोओर से घेर लिया गया। पुलिस जोर – जोर से दरवाजा पिटने लगी । दरवाजा खुलवाकर सोये हुए अवस्था में ही आलोक कुमार को गिरफ्तार करते हुए बोला गया – हम गया जिले के बाँके बाजार थाना के पुलिस हैं । आपके उपर गिरफ्तारी का वारंट है । आप गिरफ्तार कर लिये गये। इतना ही नहीं, पुलिस वालों नें इनके घर में लगे सीसी टी वी कैमरा का डीभीआर एवं वलव भी निकालकर लेते गये । आलोक कुमार की पत्नि नें यह भी बताया कि पुलिस बराबर झुठे मुकदमें में फँसा कर हमें बराबर परेशान करती रहती है । क्या सच्ची पत्रकारिता करना जुर्म है ? पत्रकार आलोक कुमार की गिरफ्तारी की नींदा करते हुए बिहार सरकार के पूर्व मंत्री सह जन समाधान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद यादव, राष्ट्रीय प्रवक्ता समदर्शन शर्मा, पूर्व विधान सभा प्रत्यासी व राजद नेता श्याम सुंदर, लेखक व समाजसेवी बालेश्वर बिच्छु, गयाजी PUCL अध्यक्ष उपेन्द्र सिंह नें पुरजोर तरीके से करते हुए कहा है कि – लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर पुलिस की बर्बर कारवाई है। सभी नेताओं नें एक स्वर में कहा कि यदि पत्रकार आलोक कुमार के उपर कोई भी लंवित केश या वारंट रहा होता तो पुलिस द्वारा तामिला कराया जाना चाहिए था,न कि सोये हुए अवस्था में एकाएक घर से गिरफ्तारी कर लेना। हमें तो कोई अनहोनी की आशंका लगती है।