गोविंदपुर में सकरी नदी घाट-एक पर ग्रामीणों ने हंगामा कर बालू उत्खनन पर लगाया रोक, छठ घाट व विद्यालय के पास बालू खनन से ग्रामीणों में भारी आक्रोश, बालू उठाव करने से पोकलेन को रोका, गड्ढों को भी भरवाया

नीतीश कुमार खबर सुप्रभात नवादा


नवादा जिले के उग्रवाद प्रभावित गोविंदपुर प्रखंड में सकरी नदी घाट-एक पर हंगामा खड़ा हो गया। सैकड़ों की संख्यां में ग्रामीणों ने बालू घाट पर पहुंच बालू उठाव पर रोक लगा दिया। ग्रामीणों ने पोकलेन को जबरन बालू उठाव करने से रोका तथा बालू उठाव का विरोध करते हुए घाट पर बने गड्ढों को पोकलेन से भराने का काम शुरू कर दिया। ग्रामीणों का

आरोप है कि संवेदक बिना किसी स्पष्ट सीमांकन के नदी से लगभग 15 से 20 फीट गहराई तक बालू निकाल रहे हैं जिससे घाट पर कई खतरनाक गड्ढे बन गये हैं। इसी गड्ढे में हाल के दिनों में एक मवेशी और एक महिला डूब गयी थी, जिसे पोकलेन मशीन व डंडों के सहारे बचाया गया और एक बच्चा डूबते-डूबते बचा था। नदी किनारे बसे सुजीत कुमार, सुरेश मिस्त्री, शोभा देवी, पूनम देवी, पिंकी देवी, मालती देवी, नीतू देवी सहित अन्य लोगों ने बताया कि संवेदक छठ पूजा के पवित्र स्थल इमली छठ घाट व सराई छठ घाट से बालू निकाल रहे हैं जिससे घाट की गहराई काफी बढ़ गयी है तथा आने वाले छठ पर्व के आयोजन में बाधा उत्पन्न हो सकती है। साथ ही पास में सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की सुरक्षा को लेकर भी परिजन चिंतित रहते हैं कि खेलते-खेलते बच्चे नदी की ओर न चला जाये। घटनास्थल पर 20 सूत्री प्रखंड अध्यक्ष शोभा देवी, गोविंदपुर पंचायत मुखिया अनुज सिंह व पूर्व उप-प्रमुख सह पंचायत समिति सदस्य रेखा देवी भी मौजूद थी। बालू उठाव का विरोध करने सरकंडा गांव से भी सैकड़ों लोग घाट पर पहुंचे।
पहुंचे अधिकारी घटना की सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष राजीव कुमार पटेल दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे। अंचल अधिकारी संजीव कुमार व खनन विभाग के इंस्पेक्टर संतोष झा ने पहुंचकर ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, परंतु ग्रामीण बालू उठाव को पूरी तरह रोकने की मांग पर अड़े रहे। स्थिति की गंभीरता को देख जिला खनन पदाधिकारी प्रत्यय अमन घाट पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया।
छठ घाटों की सुरक्षा के लिए होगी बैरिकेडिंग।
जिला खनन पदाधिकारी प्रत्यय अमन ने ग्रामीणों को बताया कि संवेदक को सरकार से तय प्रक्रिया के तहत टेंडर मिला है। संवेदक ने सरकारी राजस्व में करोड़ों रुपये जमा किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि छठ घाटों की सुरक्षा के लिए बैरिकेडिंग की जायेगी। उस क्षेत्र से बालू की निकासी नहीं होगी। नदी किनारे स्थित विद्यालय की सुरक्षा को लेकर भी आवश्यक कदम उठाये जायेंगे। बचे अन्य स्थानों से बालू की निकासी की जायेगी। खनन पदाधिकारी ने बताया कि सरकंडा के रास्ते से कुछ आगे झारखंड दिशा की ओर से लेकर पंचवाहिनी स्थान से आगे तक लगभग एक किलोमीटर क्षेत्र में अधिकतम 10 फुट की गहराई तक बालू उठाव की अनुमति है। महाबरा घाट पर पुल निर्माण स्थल से 500 मीटर पूरब और पश्चिम में भी बालू निकासी नहीं की जायेगी। बता दें इसके पूर्व सरकंडा बालू घाट पर भी ग्रामीणों द्वारा हंगामा खड़ा किया गया था। सूत्रों का मानना है कि दोनों मामलों में बालू माफियाओं को प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा शह दिया जा रहा है ताकि संवेदक खनन कार्य को लाचार होकर बंद कर दें तथा माफियाओं की चांदी कटती रहे। यह बालू माफिया और भ्रष्ट अधिकारी की मिलीभगत का प्रायोजित परिणाम है। अंतर्निहित महत्वाकांक्षा का ताजा उदाहरण है।