होटल से लेकर जेलों में शराब पार्टी फिर भी चल रहा कानून का राज, , औरंगाबाद जिले में धड़ल्ले से चल रहा है अवैध रूप से सैंकड़ों इंट भट्ठा, अफ़ीम की खेती तो नष्ट किया जाता है लेकिन गांजे की खेती पर मेहरबान क्यों?


केन्द्रीय न्यूज डेस्क खबर सुप्रभात समाचार सेवा


बिहार में शराबबंदी कानून लागू है। बिहार में कानून का राज स्थापित है। सुनने में बहुत ही प्यारा और लोकलुभावन दावा बिहार सरकार का है। लेकिन असलियत सामने आने पर सभी दावे का सच उजागर हो रहा है कि लोकलुभावन और खोखले दावे का सच क्या है। पटना में जहां एमएस – इन होटल में शराब पार्टी चलने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है वहीं मसौढ़ी उप कारागृह में अपराधियों द्वारा शराब और गांजा का पार्टी चलने का विडियो वायरल हो रहा है। यही है बिहार में शराबबंदी और कानून का राज। औरंगाबाद जिले में अपराधियों का तांडव चरम पर है, अपराधी जब चाहे किसी को गोली मारकर गंभीर रूप से घायल कर दे अथवा हत्या कर नींद के तरह सुला दे। सूचना पाकर पुलिस एफएसएल के टीम भेजकर घटना के वैज्ञानिक जांच में जुट जाती है और शव को पंचनामा तैयार कर पोस्टमार्टम का रश्म अदा करती है और गंभीर रूप से घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराकर कानून का राज और अपराध के घटनाओं में कमी होने का दावा करतीं हैं।लेकिन सच्चाई यह है कि औरंगाबाद जिला सहित पुरे प्रदेश में अपराधियों, शराब कारोबारियों और बालू के धंधेबाजों का मर्जी चल रहा है। औरंगाबाद जिले में जहां खनन विभाग के अधिकारियों और उत्पाद विभाग के अधिकारियों तथा स्थानीय प्रशासन के संरक्षण में जहां अवैध रूप से इंट भट्ठों का संचालन खनन विभाग के सभी नियमावली को ताख पर रख कर किया जा रहा है वहीं जिले के भिन्न-भिन्न थाना क्षेत्र में अवैध शराब का निर्माण और बिक्री धड़ल्ले से हो रहा है। अफीम की खेती तो सूचना प्राप्त होते ही नष्ट कर दिया जाता है लेकिन गांजे के लहलहाते पौधों को सूचना मिलने के बावजूद उत्पाद विभाग और स्थानीय पुलिस त्वरित कार्रवाई करने बिल्मब करती है। जबकि अफ़ीम की खेती और गांजे की खेती प्रतिबंधित है।