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महागठबंधन को वोट देकर ठगा हुआ महसूस कर रहा हूं : हमीद अंसारी


औरंगाबाद ख़बर सुप्रभात समाचार सेवा


औरंगाबाद जिले में एक समय चर्चित भाकपा ( माले ) के नेता व औरंगाबाद ब्यवहार न्यायालय में वरीयता अधिवक्ता ने ख़बर सुप्रभात से मोबाइल फोन पर बातचीत करते हुए अचानक भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार के पक्ष में लोकसभा चुनाव में मतदान किया था। औरंगाबाद से लोकसभा चुनाव में राजद प्रत्याशी अभय कुशवाहा को वोट दिया था और हमारे अन्य परिजनों ने काराकाट लोक सभा से भाकपा ( माले ) उम्मीदवार का० राजा राम सिंह को वोट दिया था। लेकिन चुनाव जीतने के बाद ए दोनो सांसद अपने आप को आम लोगों से कटकर अपने अंदाज में रंग चुके हैं। फलस्वरूप हमलोग चुनाव बाद ठगे हुए महसूस कर रहे हैं। उन्होंने दर्द भरे लहजे में कहा कि आज जिले में आपराधिक घटनाएं लगातार घट रही है। ला एण्ड आर्डर पुरी तरह से चरमरा चुकी है। आए दिन हत्या और बालात्कार की घटनाएं हो रही है। लेकिन इसके लिए दोनों सांसद लोक सभा में सवाल तक उठाना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि औरंगाबाद के राजद सांसद का स्थिति यह है कि पीड़ित परिजनों से मिल कर संतावना भी देना उचित नहीं समझते और यही कटु सत्य है। उन्होंने कहा कि इससे तो भाजपा सांसद सुशील कुमार सिंह थे जो मानवता पर खरे उतरते थे और पक्ष -विपक्ष सभी के साथ उदार व मृदुल ब्यवहार रखते थे। उन्होंने कहा की सुशील कुमार सिंह भाजपा सांसद अवश्य थे लेकिन वे कभी भी अपने आप को आर एस एस तथा भाजपाई रंग में नहीं रहे। अधिवक्ता व पूर्व भाकपा-माले नेता ने कहा की का० राजाराम सिंह भी हमलोगों के संघर्ष और संगठन के बदौलत दो बार विधानसभा और 2024 में लोकसभा का सफर तय किये। लेकिन चुनाव जीतने के बाद वे कभी भी भाकपा-माले के नीतियों व वसुलो पर नहीं रहे। चुनाव जीतने के बाद वे भी अपने रंगों में रंगें रहे और जनवादी आंदोलनों से जुड़े लोगों के प्रति उदासीनता दिखाते रहे। उन्होंने कहा कि 1980 के दशक में मैं भाकपा-माले का राजनीति शुरु किया था और उस समय कई लोगों ने भी भाकपा-माले के रास्ते जनवादी एवं क्रांतिकारी आंदोलनों को धार पुरे जिला में दिया। आज वे लोग भी भाकपा-माले और का० राजाराम सिंह से दुरी बना चुके हैं। आखिर क्यों इसके लिए भाकपा-माले के शीर्ष नेताओं को विश्लेषण करना चाहिए।