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लोकतंत्र फिर हुआ शर्मसार

आलोक कुमार संपादक सह निदेशक खबर सुप्रभात समाचार सेवा


देश में लोकतंत्र के मंदिर या फिर देश के सबसे बड़ा पंचायत संसद में पक्ष एवं विपक्ष के सांसदों ने एक बार फिर आपा खो दिया है। एक दुसरे पर धक्का मुक्की भी करने का आरोप लगाया जा रहा है। धक्का – मुक्की के बीच भाजपा सांसद और कांग्रेस सांसद चोटिल भी हुए हैं। यह घटना भारत के

आलोक कुमार संपादक सह निदेशक खबर सुप्रभात

संसदीय इतिहास में काला अध्याय ही कहा जाएगा। वैसे तो संसद में संसदीय मर्यादा अनेकों बार तार तार हुआ है। लेकिन इस बार तो हद की सारी सीमाएं पार कर गई है। अब देश के सांसदों चाहे सता पक्ष के हों या फिर विपक्ष किसी से भी ज्यादा उम्मीद करना भी फालतू हो रहा है। सभी सांसदों ने जनता के लिए और देश के विकास आदि मुद्दों पर कोई सार्थक और सर्वमान्य चर्चा नहीं कर पा रहे हैं।देश के नौजवान , किसान – मजदूरी तथा अन्य सभी वर्ग अपनी समस्याओं से जूझ रहे हैं तथा समस्याओं से निजात पाने के लिए देश के सर्वोच्च पंचायत से उम्मीद कर रहे हैं लेकिन संसद में बैठे लोग आपस में भिड़ रहे हैं तथा आम नागरिकों को समस्याओं से ध्यान भटकाने के लिए नाटक कर रहे हैं।