औरंगाबाद : खबर सुप्रभात समाचार सेवा
औरंगाबाद जिले को पूर्णतः अपराध मुक्त बनानें हेतु पुलिस अधीक्षक के द्वारा लगातार प्रयाश किये जा रहे हैं। इसके लिए जिले के वरीय पुलिस अधिकारियों, पुलिस अंचल निरीक्षकों एवं थानाध्यक्षों के साथ बिन्दूबार मासिक अपराध समिक्षा बैठक दो दिन पूर्व ही की गयी । लेकिन इसके बावजुद भीअपराधियों का मनोबल कुछ कम होता नहीं दिखाई दे रहा है। लगातार हत्यायें का क्रम जारी ही है। फेसर थाना क्षेत्र में एवं रफीगंज थानाक्षेत्र में हुई हत्या की गुत्थी पुलिस भले ही चौबिस घंटे में सुलझा लेनें का दावा कर रही है । लेकिन उसके बाद भी बड़ेम थाना क्षेत्र के रहरा में हत्या कर फेंका गया एक व्यक्ति का शव बरामद होना तो वहीं हसपुरा थानाक्षेत्र के उचित बिगहा से एक वृद्ध महिला का शव बरामद होना, बारूण थाना क्षेत्र के पोखराहीं से एक अज्ञात व्यक्ति का शव बरामद होना,जिले की बेहतर पुलिसिंग पर एक सवालिया निशान खड़ा करता है। आमजनों में दवी जुवान यह चर्चा होनी शुरू हो चुकी है कि – जिले में अपराधियों पर भारी पुलिस है, या फिर पुलिस से बेखौफ हो चुके हैं अपराधी । नवम्बर माह का एक पखवारा ही अभी बितने को है कि 8 नवम्बर को रफीगंज के मल्लुक बिगहा में नाबालिक लड़की की हत्या, 9 नवम्बर को फेसर थानाक्षेत्र के बनाहीं गाँव में दूसरे व्यक्ति की हत्या, 1 2 नवम्बर को बारूण थानाक्षेत्र के पोखराहीं गाँव से एक अज्ञात व्यक्ति का शव बरामद होना, तो वहीं 13 नवम्बर को बड़ेम थानाक्षेत्र के ग्राम रहरा में सोन नदी से एक व्यक्ति का शव बरामद होना, 14 नवम्बर को हसपुरा थानाक्षेत्र के उचित बिगहा में एक अज्ञात वृद्ध महिला का शव बरामद होना, यह क्या है ? क्या इसे ही बेहतर पुलिसिंग कहा जायेगा ? लेकिन यह कहने में कोई अतिश्योक्ति नहीं की पुलिस के प्रयाश के बावजुद भी अपराधियों का मनोबल काफी बढ़चुका है। इनसब के अलावे भी जिले में चोरी – छिनतई की छटनायें तो रुकनें का नाम ही नहीं ले रही है। शराब बंदी तो है, लेकिन शराब की होम डिलि भरी एवं चोरी – छुपे विक्री बदस्तुर जारी है। शाम ढलते ही जाम छलकनें लगते हैं । आखिर इनसब पर नियंत्रण कैसे लगेगा ? लोग – मानस में चिंता का सबब बन चुका है।