औरंगाबाद खबर सुप्रभात समाचार सेवा
मुख्यमंत्री महत्वाकांक्षी योजना अन्तर्गत संपूर्ण बिहार राज्य के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर को लगाया जा रहा है। इस क्रम में अबतक संपूर्ण राज्य में लगभग 55 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाया जा चुका है, जिसमें औरंगाबाद जिलान्तर्गत लगभग 40 हजार मीटर लगाये जा चुके हैं। शीर्ष कार्यालय के निर्देशानुसार सभी क्षेत्रीय प्रशासनिक पदाधिकारी द्वारा सभी जनप्रतिनिधि को भी स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाये जाने में उपभोक्ताओं को जागरूक कर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने में सहयोग किया जाना है तथा स्मार्ट मीटर लगाये जाने के क्रम में कार्य में बाधा पहुँचाने वालों के विरूद्ध कार्रवाई की जानी है। निर्देशानुसार सभी प्रखंड कार्यालय, पंचायत भवन तथा सभी सरकारी कार्यालयों/भवनों में भी स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाया जाना है। साथ ही स्मार्ट मीटर को लेकर विभिन्न भ्रांतियों/अफवाहों को दूर करने हेतु व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार कराया जा रहा है। स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगवाने के पूर्व अफवाह / भ्रांतियां एवं स्मार्ट मीटर लगवाने के उपरान्त वास्तविकता / सत्यता निम्नवत है :- अफवाह /भ्रांतियां:- स्मार्ट मीटर लगाने का अतिरिक्त शुल्क लगता है
वास्तविकता/सत्यता:- स्मार्ट मीटर लगाने में कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं।
अफवाह /भ्रांतियां:- स्मार्ट मीटर नॉर्मल मीटर के अपेक्षा तेज चलता है
वास्तविकता/सत्यता:- स्मार्ट मीटर नॉर्मल मीटर दोनों मीटर में रीडिंग समान होता है। अफवाह /भ्रांतियां:- स्मार्ट मीटर में यूनिट दर महंगा है
वास्तविकता/सत्यता:- रिडिंग समान होता है स्मार्ट मीटर तथा नॉर्मल मीटर का यूनिट दर समान है अफवाह /भ्रांतियां:- स्मार्ट मीटर में अचानक लाईन कट जाता है वास्तविकता/सत्यता:- स्मार्ट मीटर का बैलेंस शुन्य अथवा नेगेटिव होने के पूर्व मैसेज एवं कॉल के माध्यम से सूचना प्राप्त हो जाती है अफवाह /भ्रांतियां:- स्मार्ट मीटर में रिर्चाज करने में कठिनाई होती है
वास्तविकता/सत्यता:-पूर्व की तरह ही मोबाईल एप्प, UPI एवं विद्युत कार्यालय अथवा संबंधित मीटर रिडर के माध्यम से रिचार्ज कराया जा सकता है अफवाह /भ्रांतियां:- बिजली कार्यालय का चक्कर लगाना पडता है।
वास्तविकता/सत्यता:- स्मार्ट मीटर लगने से गलत बिजली बिल, मीटर रिडिंग लेने आदि की समस्या समाप्त हो जाती है, जिससे विपत्र में गडबडी की संभावना भी शुन्य होती है।