नवादा से डीके अकेला की रिपोर्ट
20सितम्बर (बुधवार) को नवादा मुफ्फसिल थाना क्षेत्र अंतर्गत कृष्णा नगर ( महादलित टोला) में लगभग 80 महादलितों का घर शाम होते ही अपराधियों द्वारा बंदुक के नोक पर पेट्रोल छिड़क कर जला दिया गया। जानकारी के
अनुसार घटना स्थल से महज दो किलोमीटर के दुरी पर थाना है और पीड़ित लोगों द्वारा सूचना दिये जाने के बाद भी घंटों बाद पुलिस घटना स्थल पर पहुंची। घटना के बाद राज्य में सियासी बवाल मचा हुआ है। पक्ष और सता पक्ष में आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू है। कुछ मिडिया द्वारा हेड लाइन
बनाया गया कि दबंगों ने जलाई दलितों का बस्ती। जोकी घोर झूठ और दुष्प्रचार है। सचाई तो यह है कि दलितों ने महादलितों का बस्ती जलाया है। घटना के बाद ब्यास मुन्नी मांझी के द्वारा थाना में जो प्राथमिकी दर्ज कराई गई है उसमें मुख्य अभियुक्त नंदु पासवान को बनाया गया है। दर्ज प्राथमिकी में कूल 28लोगों को आरोपित बनाया गया है। जिसमें पासवान तथा नोनियां (चौहान) जाती के लोगों को आरोपित बनाया गया है। मात्र एक यादव जाती आशीष यादव नामजद आरोपी हैं। लेकिन कुछ तथाकथित राजनेताओं द्वारा यह प्रचार किया जा रहा है कि यादवों ने महादलितों के बस्ती जला दिया। यह एक सोची समझी रणनीति और समाज में जातिये उन्माद फैलाने का घृणित षड्यंत्र और ओक्षे राजनीति का हिस्सा कहा जा सकता है।कुछ मिडिया भी जो हेड लाइन बनाया कि दबंगों ने दलितों का बस्ती जलाया। यह एक दिग्भ्रमित और गुमराह करने वाल ही कहा जा सकता है।आज आम अवधारणा है कि स्वर्ण जाती में भूमिहार और राजपूत तथा ओबीसी में कुर्मी और कोइरी जाती दबंग मानें जाते हैं। लेकिन इन जातियों में कोई भी प्राथमिकी के नामजद आरोपी नहीं हैं। प्राथमिकी के आधार पर यदि कहा जाए तो दलितों ने महादलितों का बस्ती जलाया यह हेड लाइन होना चाहिए था।