अम्बुज कुमार , खबर सुप्रभात
औरंगाबाद स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण विकलांगता प्रमाण पत्र के लिए लोगों को 6 से 8 महीना तक दौड़ना पड़ता है विदित हो कि प्रत्येक माह के 15 और 30 तारीख को चिकित्सकों की टीम द्वारा शारीरिक जांच कर विकलांगता प्रमाण पत्र निर्गत किया जाना है लेकिन नियम का अनदेखी कर स्वास्थ्य विभाग के कर्मी चिकित्सक की लापरवाही के कारण शारीरिक रूप से कमजोर लोगों को चक्कर लगाते लगाते साल लग जाते हैं सिविल सर्जन औरंगाबाद के कार्यालय के नीचे प्रमाण पत्र निर्गत करने का जांच होता है लेकिन चिकित्सा पदाधिकारी की घोर लापरवाही के कारण असहाय और विकलांग लोगों को जिले के कोने-कोने से आकर परेशानियां झेलनी पड़ती है और फिर वापस लौट जाना पड़ता है राष्ट्रीय जनता दल ने इस बात की जानकारी जिला पदाधिकारी को दीया और आग्रह किया की जो मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोर लोग हैं उनके साथ मजाक या खिलवाड़ नहीं करें नियमानुसार प्रत्येक 30 और 15 तारीख को जांच कर विकलांगता प्रमाण पत्र निर्गत करने का काम किया जाए प्रमाण पत्र के लिए सिविल सर्जन कार्यालय पहुंचे सैकड़ों लोग ने बताया कि हम लोग काफी दिनों से घूम रहे हैं लेकिन हमारी बात को कोई सुनता नहीं है जम्होर से आई एक दोनों पैर से विकलांग बच्ची अपनी व्यथा कहते कहते रोने लगी मानवता के नाम पर यह कलंक है राष्ट्रीय जनता दल मांग करती है कि किसी भी स्थिति में 15 और 30 को नियमानुसार शिविर लगाकर उनका जांच कर प्रमाण पत्र निर्गत किया जाए कमजोर लोगों को बेवजह दौड़ाया नहीं जाए अगर ऐसा नहीं होती राष्ट्रीय जनता दल जिले के विकलांग ओं के लिए सिविल सर्जन कार्यालय पर तालाबंदी कर सकती हैं चिकित्सा विभाग के लापरवाही के कारण जिले में फर्जी अस्पताल चल रहे हैं उनका भी जांच कर कारवाई की जाय।