नवादा से डीके अकेला की रिपोर्ट
बिहार में एनडीए सरकार आम नागरिकों को सुरक्षा व न्याय दिलाने में पुरी तरह असफल साबित हो रही है। एनडीए सरकार के रहनुमाओं द्वारा केवल लालू – राबड़ी सरकार के कार्य काल को जंगल राज होने का प्रचार – प्रसार करने में मश्गूल है। लेकिन प्रदेश के किसी न किसी जिलों में आए दिन हो रहे हत्या, बालात्कार एवं अपहरण जैसी घटनाएं घट रही है। फिर भी एनडीए सरकार के रहनुमाओं द्वारा सुशासन व कानून का राज होने का दावा ज़बरदस्ती किया जा रहा है। लेकिन रविवार को नवादा जिले में जिस तरह दिन के उजाले में तीन महिलाओं को दबंगों द्वारा अपहरण कर लिया गया और लगभग 60 घंटे बित जाने के बावजूद तथा कथित सुशासन के पुलिस अपहरीत महिलाओं को सकुशलता बरामद करने में असफल रही है और सिर्फ आश्वासन का घुट पीला रही है इससे साफ जाहिर होता है कि स्थानीय पुलिस प्रशासन लकवाग्रस्त हो गई है। तभी तो सिर्फ आश्वासन का घुट पीला रही है। आश्चर्य तो यह है कि घटना के नामजद आरोपी के पत्णी और पुत्र को पुलिस हिरासत में लेकर एक और कानून व न्याय ब्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है। हला की घटना के बाद भीम आर्मी से जुड़े हजारों पुरुष व महिलाएं धरना प्रदर्शन व हिसुआ थाना का घेराव कर आक्रोश ब्यक्त किया है फिर भी पुलिस का असफलता संवाद लिखे जाने तक उजागर हो रहा है और अपहरित महिलाओं तक पुलिस नहीं पहुंच सकी है।
आखिर क्यों घटी अपहरण की घटना
जानकारी के अनुसार
अपहरण के घटना के संबंध में पिडीत पक्ष को मानें तो पुराने मुकदमा में सोलह करने हेतु दबाव बनाने के उद्देश्य से घटना को अंजाम दिया गया है। वहीं दूसरे पक्षों का कहना है कि इंट भट्ठा पर काम करने जाने के लिए एडवांस के रूप में लाखों रुपए लेकर काम पर नहीं जानें के विरुद्ध ऐसा कहानी हुआ है।
वगैर रजिस्ट्रेशन के लेबर सप्लाई का फल फूल रहा है धंधा
जानकार बताते हैं कि नवादा जिले में वगैर रजिस्ट्रेशन के लेबर सप्लाई का धंधा जोरों से फल फूल रहा है। यहां कुछ संपन्न लोगों द्वारा दुसरे प्रदेशों में ईंट भट्ठा पर काम करने के लिए लेबर सप्लाई का कार्य करते हैं और एक जोड़ा मजदूर के एक लाख रुपए तक एडवांस के रूप में दिया जाता है। जानकार यह भी बताते हैं कि इस क्रम में कभी कभार लेबर सप्लाई करने वालों के बीच भी झड़प होते रहता है।