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औरंगाबाद ट्रेज़री में व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण पारिवारिक पेंशन से बंचित सेवानिवृत्त पंचायत सचिव भुखमरी के कगार पर, जिलाधिकारी से लगाया गुहार


औरंगाबाद खबर सुप्रभात समाचार सेवा


बिहार में भ्रष्टाचार के मामले में जिरो टॉलरेंस की बात सरकार द्वारा कहा जाता है लेकिन औरंगाबाद जिले में भ्रष्टाचार व कर्मियों तथा अधिकारियों के मनमानी थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मामले में औरंगाबाद ट्रेज़री का हाल यह है कि बगैर रिश्वत दिए सेवानिवृत्त कर्मचारियों का पारिवारिक पेंशन का भुगतान पाने के लिए ट्रेज़री का चक्कर काटते काटते पैर

में फोरा हो जायेगा लेकिन पेंशन भुगतान का कोई गारंटी नहीं है कि आखिर भुगतान कब होगा। इसकी खुलासा तब होता है जब एक सेवानिवृत्त पंचायत सचिव उपेन्द्र कुमार सिंह ने जिलाधिकारी औरंगाबाद को आवेदन देकर गुहार लगाते हुए कहा है कि मैं 31 जनवरी 2021 को पंचायत सचिव से सेवानिवृत्त गोह प्रखंड कार्यालय से हुआ हूं। फलस्वरूप सभी आवश्यक कागजात औरंगाबाद ट्रेज़री में पारिवारिक पेंशन का भुगतान हेतु जमा कर चुका हूं लेकिन अभी तक पेंशन का भुगतान नहीं हो सका है। जबकि इसके लिए प्रखंड विकास पदाधिकारी गोह द्वारा भी अनुमोदन किया गया है। सेवानिवृत्त पंचायत सचिव ने जिलाधिकारी को दिए आवेदन में उल्लेख किया है कि औरंगाबाद ट्रेज़री में पदस्थ सहायक लिपीक अमित भास्कर द्वारा दस हजार रुपए रिश्वत के रूप में मांगा जा रहा है। जब भास्कर द्वारा मांगे जा रहे रिश्व्त राशि देने में असमर्थता जाहिर कर रहा हूं तो मुझे दौड़ाया जा रहा है। सेवानिवृत्त पंचायत सचिव ने कहा कि अभी तक पारिवारिक पेंशन नहीं मिलने से पुरे परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच चुका हूं।