नवादा से डीके अकेला की रिपोर्ट
नवादा जिले के हिसुआ-नवादा पथ पर एक देवी मंदिर में मां दुर्गा की बनी सीमेंट की प्रतिमा को असमाजिक तत्वों ने बुरी तरह तोड़कर तहस-नहस कर डाला, जिससे स्थानीय ग्रामीणों में काफी रोष व्याप्त देखा जा रहा है। उक्त घटना हिसुआ नगर परिषद के वार्ड नंबर 04 की घटना है।
हिसुआ-नवादा पथ पर बलियारी गांव स्थित मंदिर में अवस्थित सीमेंट की बनी मां दुर्गा की आदमकद प्रतिमा का असमाजिक अपराधियों ने तोङकर बरबाद कर दिया। घटना अंजाम शुक्रवार को तत्वों के द्वारा आधी रात को दिया गया। अहले सुबह पूजा करने आयी ग्रामीण महिला जब मां दुर्गा की प्रतिमा टूटा-फूटा देखकर सब के सब अचंभित हो गया। यह खबर दावानल की तरह चौतरफा फैल गया। गांव व इलाके से लोगों का घटनास्थल पर हुजूम जमा हो गया। लोग इस कुकृत्य को देखकर बहुत आक्रोशित थे। इसी दरम्यान सूचना मिलते ही हिसुआ पुलिस घटनास्थल पर पहुँच कर आक्रोशित लोगों को समझा-बुझाकर शांत करने के अथक प्रयास में जूट गई। स्थानीय पुलिस के काफी मशक्कत के बाद आक्रोशित लोगों को शांत किया गया। बहरहाल पुलिस उक्त सम्वेदनशील घटनाक्रम की जांच में जुट गई है। घटनास्थल पर पुलिस कैम्प की तैनाती कर अग्रेतर कारवाई आरम्भ कर दी गई है। घटना के उपरांत पुलिस गश्त पर सवालिया निशान लग रहा है। अब अहम् सवाल यह उठ खङा होता है कि उक्त घटना के लिए आखिर दोषी कौन है ? मां दुर्गा की प्रतिमा तोङने वाले शातीर असमाजिक तत्वों या गश्ती के नाम पर मस्ती उङाने वाले लापरवाह पुलिस कर्मी हैं। यह बेहद महत्वपूर्ण विचारनीय प्रश्न है।
विदित हो कि जिस मां दुर्गा की प्रतिमा को असमाजिक तत्वों के द्वारा पूर्णरूपेन तहस-नहस किया गया ,उसके संस्थापक बलियारी परिवहन के प्रोपराइटर सह वाहन चालक बलियारी गांव निवासी बाके बिहारी छैला थे। उन्होंने अपने कमाई से कुछ अंश काटकर अपने जमीन में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित काफी धूमधाम से किया था। अपने और सहयोगियों के मदद से मां दुर्गा की आकर्षक प्रतिमा स्थापित किया गया था,जिसे असमाजिक बदमाशों ने बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर एक ऐतिहासिक धरोहर को मटियामेट कर दिया। उक्त सम्वेदनशील घटना पर आजकल सनातनी धर्मावलम्बियों की बोली क्यों रूग्ध गया है ? सभी तिसमार खां किस बिल में घुसे हैं?