नवादा से डीके अकेला की रिपोर्ट
जिले में अपराध और अपराधी बिल्कुल बेलगाम हो गये। प्रशासनिक निष्क्रियता और लापरवाही का अहम् प्रमाण नहीं तो और क्या है ? यह एक अक्ष्य प्रश्न सबों के आखों के सामने हमेशा रौंद रहा है। अपराधियों ने अब जिले के मुखिया को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। पकरीबरावा
प्रखंड के बुधौली पंचायत के मुखिया पप्पू मांझी की धोखेबाजी से की गई निर्मम हत्याकांड के बाद बेखौफ बदमाशों ने कार पर सवार नारदीगंज पंचायत के मुखिया और जदयू के नेता रणविजय पासवान पर ताबङतोङ गोली फायरिंग कर हत्या का अथक प्रयास किया।
गोलाबारी में मुखिया के वाहन पर सवार उनके ममेरे भाई
राजबली पासवान के बांह में गोली लगी। हमलावरों ने मुखिया के वाहन को पुरी तरफ तहस-नहस कर दिया। उक्त गोलाबारी में संयोग से मुखिया बाल- बाल बच निकले।
गोलीबारी की घटना जिले के नारदीगंज थाना क्षेत्र के दलेलपुर गांव स्थित ईट भट्टा के पास बतायी जाती है। गोलाबारी में बुरी तरह घायल राजबली पासवान को स्थानीय लोगों के सहयोग से आनन-फानन में सदर अस्पताल नवादा में भर्ती कराया गया। जहाँ उन्हें चिकित्सक ने बेहतर ईलाज के दृष्टिकोण से पावापुरी बीम्स रेफर कर दिया है। गोलीबारी में घायल राजबली पासवान बिहार शरीफ के नई सराय के बताये जाते हैं।
पीङित नारदीगंज पंचायत मुखिया रणविजय पासवान ने बताया कि रात्री करीब 11 बजे अपने ममेरे भाई के साथ अपनी कार से घर की ओर लौट रहे थे ,तभी नारदीगंज थानान्तर्गत दलेलपुर गांव ईट भट्टा के पास 4 की संख्या में रहे अपराधियों ने ताबङतोङ फायरिंग कर दिया। मुखिया ने नारदीगंज थानान्तर्गत पङपा गांव के मुकेश सिंह , टुनटुन सिंह , अरविन्द सिंह और विक्की सिंह पर फायरिंग का आरोप लगाया है।
पुरानी रंजिश को लेकर वाहन पर सवार मुखिया पर ताबङतोङ गोलाबारी की गई है। गोलीबारी में नारदीगंज पंचायत मुखिया रणविजय पासवान संयोग से बाल-बाल बच गये। मुखिया ने बताया कि उनका ममेरा भाई राजबली पासवान बुरी तरफ घायल हो गए। इनका ईलाज चिकित्सक द्वारा जारी है।
उक्त दर्दनाक घटना की सूचना पर नारदीगंज थाना की पुलिस घटनास्थल पर पहुँच कर जांच-पड़ताल में जुटी है। विदित हो कि 13 जून की देर रात जिले के पकरीवरावा प्रखंड के बुधौली पंचायत के मुखिया पप्पू मांझी के सिर में गोली मारकर बेखौफ बदमाशों ने मुखिया को मौत के घाट उतार दिया था,जिसका खुलासा पुलिस ने ही कर दिया है। जिले में एक सप्ताह के अंदर दो महादलित मुखिया पर ताबङतोङ फायरिंग इसका बात की ज्वलन्त ताजा उदाहरण है कि महादलित समाज राज्य और केन्द्र की डबल ईंजन की सरकार में सुरक्षित नहीं है।भीम आर्मी के पूर्व जिलाध्यक्ष कमलेश राणा एवं चन्दन चौधरी ने कहा कि क्या महादलित को को मुखिया होना गुनाह है ? आखिर क्यों एक सप्ताह के अंदर दो दलित मुखिया पर ताबङतोङ फायरिंग हुई। एक मुखिया पप्पू मांझी की नृशंस हत्या हो गई और दूसरा मुखिया रणविजय पासवान बाल-बाल बच गये,लेकिन उनके ममेरे भाई बुरी तरह जख्मी हो गए। उन्होंने उच्च अधिकारियों से उक्त सम्वेदनशील चर्चित घटना की न्यायोचित जांच कर उचित कानूनी कार्रवाई करते हुए समुचित सुरक्षा की मांग की है।